डिजिटल-श्रद्धांजलि पोर्टल से लेकर इंडस व्यू प्वॉइंट तक... Kargil Vijay Diwas पर सेना की बड़ी तैयारी
कारगिल विजय दिवस (26 जुलाई) पर भारतीय सेना तीन अहम प्रोजेक्ट लॉन्च कर रही है. इनमें ई-श्रद्धांजलि पोर्टल, क्यूआर कोड आधारित ऑडियो ऐप और इंडस व्यू प्वॉइंट शामिल हैं. इनका उद्देश्य शहीदों के बलिदान को जन-जन तक पहुंचाना और लोगों को LoC की वास्तविक परिस्थितियों से रूबरू कराना है. 1999 के कारगिल युद्ध में टोलोलिंग और टाइगर हिल जैसी चोटियों पर भारतीय सेना ने जीत दर्ज कर पाकिस्तान को खदेड़ा था. बटालिक सेक्टर अब देशभक्ति का प्रतीक और पर्यटन स्थल बन चुका है.;
भारत 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मना रहा है, वह ऐतिहासिक दिन जब 1999 में भारतीय सेना ने तीन महीने तक चले युद्ध के बाद 'ऑपरेशन विजय' में जीत दर्ज कर पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ दिया था. इस खास मौके पर भारतीय सेना तीन बड़े प्रोजेक्ट लॉन्च कर रही है, जिनका उद्देश्य है देशवासियों को शहीदों की वीरगाथाओं से जोड़ना और सैनिकों के त्याग व साहस को जन-जन तक पहुंचाना.
कारगिल विजय दिवस पर सेना ई-श्रद्धांजलि पोर्टल, क्यूआर कोड आधारित ऑडियो ऐप और इंडस व्यू प्वॉइंट जैसे अभिनव प्रोजेक्ट शुरू कर रही है.
ई-श्रद्धांजलि पोर्टल
इस पोर्टल के माध्यम से अब नागरिक देश के वीर सपूतों को डिजिटल माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे. अब शहीद स्मारक तक जाने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि लोग ऑनलाइन जुड़कर अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं. सेना के एक अधिकारी ने बताया, “इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य लोगों को संवेदनशील बनाना है कि सैनिक किन कठिन परिस्थितियों में देश की रक्षा करते हैं और उन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया.”
QR कोड आधारित ऑडियो ऐप
यह ऐप लोगों को 1999 के कारगिल युद्ध की असली कहानियों से रूबरू कराएगा. आगंतुक किसी लोकेशन पर क्यूआर कोड स्कैन करके ईयरफोन से उन वीरतापूर्ण घटनाओं को सुन सकेंगे. अधिकारी ने कहा, “यह कॉन्सेप्ट बिल्कुल म्यूज़ियम की तरह है, जहां विजिटर्स को एक्सहिबिट्स की जानकारी मिलती है. यहां लोग सैनिकों के साहस और बलिदान की अमर गाथा सुनेंगे.”
इंडस व्यू प्वॉइंट - LoC तक पहुंचने का मौका
तीसरा प्रोजेक्ट है इंडस व्यू प्वॉइंट, जो आम नागरिकों को बटालिक सेक्टर में वास्तविक LoC का अनुभव कराएगा. यह स्थान 10,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर है और कारगिल युद्ध के मुख्य युद्धक्षेत्रों में से एक था. यहां जाकर लोग समझ सकेंगे कि भारतीय सैनिक किन कठिनाइयों और खतरों के बीच देश की रक्षा करते हैं.
कारगिल विजय दिवस का महत्व
हर साल 26 जुलाई को देश कारगिल विजय दिवस मनाता है. 1999 में पाकिस्तानी घुसपैठियों के खिलाफ भारतीय सेना ने टोलोलिंग, टाइगर हिल जैसी ऊंची चोटियों पर कब्जा वापस लिया. इस युद्ध में भारतीय सैनिकों ने कठिनतम परिस्थितियों में लड़ते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी.
बटालिक की अहमियत
बटालिक सेक्टर कारगिल युद्ध का रणनीतिक केंद्र था, क्योंकि यह कश्मीर, लेह और बाल्टिस्तान को जोड़ने वाले मार्ग पर स्थित है. दुर्गम इलाका, ऊंचाई और कठोर मौसम ने युद्ध को और कठिन बना दिया था. अब यह इलाका देशभक्ति और साहस का प्रतीक बन चुका है और एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी. इन परियोजनाओं का उद्देश्य युवाओं को प्रेरित करना, सैनिकों की कहानियों को अमर बनाना और देशवासियों में राष्ट्रभक्ति की भावना को और मजबूत करना है.