Om Prakash Chautala Passes Away: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का निधन हो गया है. उन्होंने 89 साल की उम्र में गुरुग्राम में अंतिम सांस ली. वह इनेलो यानी इंडियन नेशनल लोकदल के प्रमुख थे. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है,
नायब सिंह सिनी ने X पर लिखा, इनेलो सुप्रीमो एवं हरियाणा के पूर्व सीएम चौधरी ओम प्रकाश चौटाला जी का निधन अत्यंत दुःखद है. उन्हें मेरी विनम्र श्रद्धांजलि. उन्होंने जीवन भर प्रदेश और समाज की सेवा की. यह देश और हरियाणा प्रदेश की राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है.
मल्लिकार्जुन खरगे ने व्यक्त किया शोक
राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने X पर कहा, हरियाणा के पूर्व सीएम व वरिष्ठ नेता चौधरी ओम प्रकाश चौटाला का निधन का समाचार दुखद है. उन्होंने हरियाणा और देश की सेवा में उचित योगदान दिया. दुख की इस घड़ी में हम उनके परिवार व समर्थकों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं और दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं.
चार बार रहे हरियाणा के सीएम
चौटाला चार बार हरियाणा के सीएम रहे. वे 2 दिसंबर 1989 से 22 मई 1990, 12 जुलाई 1990 से 17 जुलाई 1990, 22 मार्च 1991 से 6 अप्रैल 1991 और 24 जुलाई 1999 से 5 मार्च 2005 तक सीएम रहे.
चौटाला का 1 जनवरी 1935 को हुआ था जन्म
ओम प्रकाश चौटाला एक लोकप्रिय राजनेता थे. उनका जन्म 1 जनवरी 1935 को हरियाणा के सिरसा में हुआ था. वे भारत के छठे उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के पुत्र थे. उनकी पत्नी का नाम स्नेह लता था. उनका 2019 में निधन हो गया.
चौटाला के दो बेटे अजय सिंह, अभय सिंह और एक बेटी सुनीता है. अजय सिंह भिवानी सीट से सांसद रह चुके हैं. छोटे बेटे अभय ऐलनाबाद से विधायक रह चुके हैं. उनके पोते दुष्यंत चौटाला हिसार सीट से सांसद रह चुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने हरियाणा के डिप्टी सीएम की भी जिम्मेदारी संभाली.
तिहाड़ जेल के सबसे बुजुर्ग कैदी होने का रिकॉर्ड
ओपी चौटाला के नाम पर तिहाड़ जेल का सबसे बुजुर्ग कैदी (87 साल) होने का रिकॉर्ड भी है. उन्हें जुलाई 2021 को तिहाड़ जेल से रिहा किया. उन्हें 10 साल की जेल हुई थी, लेकिन साढ़े 9 साल की सजा पूरी होने के बाद ही रिहा कर दिया. ऐसा दिल्ली सरकार की तरफ से कोविड-19 महामारी के प्रबंधन के लिए जेल की आबादी कम करने के फैसले के कारण हुआ था.
चौटाला के साथ 53 अन्य लोगों पर जून 2008 में प्रदेश में 3206 जूनियर बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था. दिल्ली की एक कोर्ट ने जनवरी 2013 में उन्हें 10 साल के जेल की सजा सुनाई गई थी. उन्हें 3000 से अधिक अयोग्य शिक्षकों की अवैध रूप से भर्ती करने का दोषी पाया गया था.
इसके अलावा, आय से अधिक संपत्ति मामले में 27 मई 2022 को चौटाला को सीबीआई कोर्ट ने चार साल की जेल की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही, उन पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.