पंगा पड़ गया महंगा! एर्दोगन ने पाकिस्तान को थमाए हथियार, मारे गए भारत पर हमला करने उतरे दो तुर्की सैनिक

भारत-पाकिस्तान के हालिया संघर्ष में तुर्की की संदिग्ध भूमिका सामने आई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने तुर्की से मिले 350 से अधिक ड्रोन का भारत के खिलाफ उपयोग किया. इनमें तुर्की के सैन्य सलाहकार भी शामिल थे. भारतीय एयरस्ट्राइक के जवाब में हुए इन हमलों से भारत-तुर्की संबंधों में तनाव बढ़ सकता है.;

Edited By :  नवनीत कुमार
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भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष के बाद तुर्की की भूमिका को लेकर कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. नई रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ने इस संघर्ष में तुर्की से प्राप्त 350 से अधिक ड्रोन का उपयोग किया, जिनमें से कई ड्रोन हमलों में तुर्की के सैन्य सलाहकार भी सक्रिय रूप से शामिल थे. यह जानकारी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के बाद इकट्ठा की गई साक्ष्यों पर आधारित है.

सूत्रों का दावा है कि भारत द्वारा किए गए जवाबी हमलों में दो तुर्की ड्रोन ऑपरेटरों के मारे जाने की भी पुष्टि हुई है. पाकिस्तानी सेना ने जिन टीबी2 और YIHA प्रकार के ड्रोनों का उपयोग किया, वे मुख्य रूप से लक्ष्य निर्धारण और आत्मघाती हमलों के लिए जाने जाते हैं. भारत ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि ड्रोन हमलों के पीछे केवल पाकिस्तान नहीं, बल्कि तुर्की की रणनीतिक भागीदारी भी है.

36 लोकेशनों पर हुई ड्रोन हमलों की कोशिशें

भारत के सैन्य अफसरों ने बताया कि ड्रोन हमलों की कोशिशें 36 अलग-अलग लोकेशनों पर की गईं, जो नियंत्रण रेखा से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा तक फैली हुई थीं. प्रारंभिक फोरेंसिक जांच में यह सामने आया है कि इन ड्रोनों की आपूर्ति तुर्की की डिफेंस कंपनी एसिसगार्ड द्वारा की गई थी. यह तथ्य भारत की चिंता को और गहरा करता है क्योंकि यह किसी तीसरे देश की खुली भागीदारी को दर्शाता है.

एयरक्राफ्ट और शिप से पहुंचा था हथियार

भारत-पाक युद्ध से पहले ही तुर्की की गतिविधियां संदिग्ध थीं. तुर्की का युद्धपोत TCC BUKUKADA कराची बंदरगाह पहुंचा और उससे पहले तुर्की का C-130 एयरक्राफ्ट कराची में उतरा, जिसे पाक मीडिया ने हथियारों की आपूर्ति बताया. हालांकि तुर्की की सरकार ने इन आरोपों को नकारा और कहा कि विमान ईंधन भरने के लिए उतरा था, लेकिन भारत के रक्षा सूत्र इस दावे से संतुष्ट नहीं हैं.

आतंकियों की मौत पर संवेदना

इस बीच तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने एक भावनात्मक पोस्ट कर पाकिस्तानी आतंकियों की मौत पर संवेदना जताई. उन्होंने लिखा कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष में नागरिकों की मौत की आशंका गंभीर है और अंतरराष्ट्रीय जांच कराई जानी चाहिए. एर्दोगन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से फोन पर चर्चा की और अपनी एकजुटता जताई.

बिगड़ेंगे भारत-तुर्की संबंध

भारत अब इस मामले को केवल सुरक्षा या कूटनीति के नजरिए से नहीं देख रहा, बल्कि इसे क्षेत्रीय हस्तक्षेप और रणनीतिक मोर्चे पर चुनौती मान रहा है. तुर्की की खुली भूमिका और उसके नेतृत्व का पाकिस्तान के समर्थन में आना भारत-तुर्की संबंधों को नई दिशा में ले जा सकता है. भारत के नीति-निर्माता इस पूरे घटनाक्रम को एक व्यापक भू-राजनीतिक साजिश के रूप में देख रहे हैं, जिसकी पड़ताल आने वाले समय में और गहराई से की जाएगी.

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