'माता-पिता को छोड़ने वाले उनकी प्रॉपर्टी भी भूल जाएं', कर्नाटक के मंत्री को क्यों देनी पड़ी ये चेतावनी?
कर्नाटक के मंत्री शरण प्रकाश पाटिल ने चेतावनी दी है कि सरकार उन बच्चों के पक्ष में संपत्ति हस्तांतरण और वसीयत रद्द कर देगी, जो अपने बुजुर्ग माता-पिता को अस्पताल में छोड़ देते हैं. मंत्री का यह बयान बेलगावी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें बुजुर्गों को छोड़े जाने के 150 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए.;
Abandoned Parents In Hospitals: कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री शरण प्रकाश पाटिल ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि यदि बच्चे अपने बुजुर्ग माता-पिता को अस्पतालों में छोड़ देते हैं, तो ऐसे मामलों में माता-पिता द्वारा अपनी संपत्ति का हस्तांतरण या वसीयत रद्द कर दी जानी चाहिए. यह समस्या तब सामने आती है, जब बुजुर्ग अपनी संपत्ति बच्चों के नाम पर कर देते हैं.
बेलगावी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (BIMS) में अकेले 150 से ज्यादा बुजुर्गों को छोड़ने के मामले सामने आए हैं. वहीं, राज्य के अन्य मेडिकल संस्थानों में 100 से ज्यादा ऐसे ही मामले देखने को मिले हैं. मंत्री पाटिल ने चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. बी.एल. सुजाता राठौड को निर्देश दिया है कि सभी अस्पतालों और मेडिकल संस्थानों के प्रमुखों को इस बारे में सूचित करें और बच्चों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सहायक आयुक्तों (राजस्व उप-विभाग) के पास शिकायतें दर्ज कराएं.
इलाज के बहाने बुजुर्ग माता-पिता को अस्पताल छोड़ जाते हैं बच्चे
अधिकारियों के मुताबिक, कई बुजुर्ग माता-पिता को इलाज के बहाने अस्पतालों में छोड़ दिया गया, लेकिन उन्हें कभी वापस घर नहीं लाया गया. चूंकि अस्पताल भोजन और आश्रय प्रदान करते हैं. इसलिए कुछ लोग जिम्मेदारी से बचने के लिए अपने माता-पिता को वहीं छोड़ देते हैं, जबकि कुछ मामलों में वित्तीय कठिनाइयों का हवाला दिया गया था. अधिकांश माता-पिता को उनकी संपत्ति उनके बच्चों को हस्तांतरित किए जाने के बाद छोड़ दिया गया था. बीआईएमएस ने 70 वृद्ध लोगों को वृद्धाश्रमों में स्थानांतरित कर दिया है, लेकिन कई लोग मदद के इंतजार में अस्पतालों में ही रह रहे हैं.
'माता-पिता संपत्ति हस्तांतरण को रद्द कर सकते हैं'
पाटिल ने इस बात पर जोर दिया कि माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम 2007 के तहत, माता-पिता संपत्ति हस्तांतरण को रद्द कर सकते हैं, यदि उनके बच्चे देखभाल के अपने कर्तव्य में विफल रहते हैं. अधिनियम की धारा 23 के अनुसार, यदि कोई बच्चा संपत्ति विरासत में लेने के बाद उन्हें छोड़ देता है, तो संपत्ति माता-पिता को वापस कर दी जाती है.