'शर्म नहीं आती गुंडागर्दी करता है, बूढे़ को...',सारंगी के पास पहुंचे राहुल तो निशिकांत ने सुनाया, VIDEO
भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद प्रताप सारंगी चोटिल हो गए हैं. बीजेपी सांसद सांरगी का दावा है कि राहुल गांधी के धक्के से वह चोटिल हुए हैं. भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा, "राहुल गांधी ने एक सांसद को धक्का दिया जो मेरे ऊपर गिर गया जिसके बाद मैं नीचे गिर गया.;
सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आंबेडकर से जुड़े बयान पर विवाद गहराता जा रहा है. एक तरफ बीजेपी कांग्रेस पर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के अपमान का आरोप लगा रही है, वहीं विपक्ष गृह मंत्री अमित शाह से माफी की मांग पर अडिग है. इस बीच आज गुरुवार को संसद परिसर में बीजेपी और कांग्रेस के सांसद आमने-सामने आ गए, जिसमें सत्तापक्ष के सांसद प्रताप सारंगी घायल हो गए. जिसके बाद उन्होंने राहुल गांधी पर धक्का मारने का आरोप लगाया इसके राहुल गांधी ने कहा कि हां धक्का मुक्की हुई है और भाजपा के सांसद हमें धमका रहे थे. वहीं बीजेपी के एक और सांसद मुकेश राजपूत भी इस धक्का-मुक्की में घायल हो गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों घायल सांसदों से बात की और उनका हालचाल लिया.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद प्रताप सारंगी चोटिल हो गए हैं. बीजेपी सांसद सांरगी का दावा है कि राहुल गांधी के धक्के से वह चोटिल हुए हैं. भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा, "राहुल गांधी ने एक सांसद को धक्का दिया जो मेरे ऊपर गिर गया जिसके बाद मैं नीचे गिर गया. मैं सीढ़ियों के पास खड़ा था जब राहुल गांधी आए और एक सांसद को धक्का दिया जो मेरे ऊपर गिर गया.
जय भीम के नारे से गूंजा संसद परिसर
कांग्रेस ने सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी प्रमुख और राज्यसभा के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का एक वीडियो साझा किया है, जिसमें उन्हें संसद में प्रवेश करते समय सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों द्वारा कथित तौर पर रोका गया. वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रियंका गांधी और खरगे समेत कांग्रेस के कई नेता जय भीम के नारे लगा रहे हैं.
'भाजपा के सांसद हमें धमका रहे थे'
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, 'यह आपके कैमरे में हो सकता है. मैं संसद के प्रवेश द्वार से अंदर जाने की कोशिश कर रहा था, भाजपा सांसद मुझे रोकने, धक्का देने और धमकाने की कोशिश कर रहे थे. इसलिए यह हुआ. हां, ऐसा हुआ है (मल्लिकार्जुन खड़गे को धक्का दिया गया). लेकिन धक्का-मुक्की से हम प्रभावित नहीं होते. लेकिन यह प्रवेश द्वार है और हमें अंदर जाने का अधिकार है. भाजपा सांसद हमें अंदर जाने से रोकने की कोशिश कर रहे थे...मुख्य मुद्दा यह है कि वे संविधान पर हमला कर रहे हैं और अंबेडकर जी की स्मृति का अपमान कर रहे हैं.'
प्रियंका और राहुल गांधी भी आज नए रंग में नजर आए. राहुल गांधी नीली टीशर्ट में संसद पहुंचे तो वहीं प्रियंका गांधी ने नीली साड़ी पहन रखी थी. बहुजन आंदोलन से जुड़े संगठनों के लोग नीले रंग का इस्तेमाल अपने झंडे और अन्य सामग्री में करते रहे हैं. नीले रंग को बहुजन आंदोलन के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है.
नीले रंग का राजनीतिक संदेश
कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह पर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के अपमान का आरोप लगाते हुए देशभर में प्रदर्शन का ऐलान किया है. कांग्रेस नेताओं प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने भी इस मामले पर सक्रिय भूमिका निभाई है. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने प्रदर्शन के दौरान नीले रंग के कपड़े पहनकर बड़ा राजनीतिक संकेत दिया. बहुजन आंदोलन से जुड़े संगठनों के लिए नीला रंग लंबे समय से दलित समुदाय और आंबेडकरवादी विचारधारा का प्रतीक रहा है.
'लालू ने अमित शाह को बोले- वह पगला है'
डॉ. बीआर अंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने गुरुवार को कहा कि 'अमित शाह पागल हो गए हैं. उन्हें बाबासाहेब अंबेडकर से नफरत है. हम उनके इस पागलपन की निंदा करते हैं. बाबासाहेब अंबेडकर महान हैं. उन्हें राजनीति छोड़ देनी चाहिए.'
राज्यसभा सांसद रेखा शर्मा ने कहा, "कांग्रेस ने बाबा साहब को दो बार हराया. जब वे 60 साल तक सत्ता में रहे, तो उन्होंने उनका अपमान किया। उन्होंने अमित शाह के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया और लोकसभा और राज्यसभा को चलने नहीं दिया. उन्हें शर्म आनी चाहिए कि वे बाबा साहब के नाम पर राजनीति कर रहे हैं."
संसद में राहुल और प्रियंका का संदेश
राहुल गांधी संसद में नीली टी-शर्ट पहनकर पहुंचे, जबकि प्रियंका गांधी ने नीली साड़ी पहनी. इसे बहुजन समुदाय और उनके मुद्दों के प्रति समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है. कांग्रेस ने देशभर में अमित शाह और भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन की रणनीति बनाई है. इस आंदोलन को दलित सम्मान और सामाजिक न्याय के मसले पर केंद्रित बताया जा रहा है.
कांग्रेस की यह पहल बहुजन राजनीति को लेकर उनके गंभीर प्रयासों की ओर संकेत करती है. यह स्पष्ट है कि पार्टी आंबेडकरवादी विचारधारा के माध्यम से दलित वोट बैंक को साधने का प्रयास कर रही है.