शुरू हो गया तूफान मोंथा का कहर! आंध्र तट पर दिखा तबाही का मंजर, एक की मौत; हजारों लोगों को निकाला गया बाहर- देखिए पांच Video

चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ ने सोमवार देर रात आंध्र प्रदेश के काकीनाडा और मछलीपट्टनम के बीच लैंडफॉल किया. तेज हवाओं और भारी बारिश से कई तटीय जिलों में जनजीवन ठप हो गया. बिजली आपूर्ति बाधित है, पेड़ और खंभे गिर गए. राज्य सरकार ने 7 जिलों में यातायात रोक दिया और राहत-बचाव दल तैनात किए हैं.;

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By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 29 Oct 2025 7:20 AM IST

आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय इलाकों में मंगलवार रात 'मोंथा' चक्रवात ने तबाही मचा दी. लगभग 7:30 बजे के आसपास काकीनाडा के पास मछलीपट्टनम और कालिंगपट्टनम के बीच लैंडफॉल की प्रक्रिया शुरू हुई, जो करीब चार घंटे तक चली. 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाओं और मूसलाधार बारिश ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया. कई गांवों में घरों की छतें उड़ गईं, पेड़ उखड़ गए और बिजली की लाइनें ध्वस्त हो गईं. फिलहाल एक लोगों की मौत और 2 लोगों के घायल होने की खबर भी बताई जा रही है.

मौसम विभाग के मुताबिक, यह इस सीजन का पहला बड़ा चक्रवात था जिसने पूर्वी तट पर जमकर तबाही मचाई. राज्य प्रशासन ने 10,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. वहीं, एक महिला की मौत ममिडिकुडुरु मंडल के माकनापालेम गांव में तब हुई जब एक पेड़ उसके घर पर गिर गया.

काकीनाडा में समंदर का उफान, घरों में घुसा पानी

काकीनाडा जिले के उप्पादा क्षेत्र में समुद्र ने अपना विकराल रूप दिखाया. ऊंची-ऊंची लहरों ने तटीय सड़कों को तहस-नहस कर दिया और कई घरों में पानी घुस गया. पुलिस ने काकीनाडा-उप्पादा बीच रोड को बंद कर दिया है. हजारों लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं. जिला कलेक्टर एस. शन मोहन ने बताया कि राहत और बचाव कार्यों के लिए दो एनडीआरएफ और एक एसडीआरएफ टीम को तैनात किया गया है. हेलिपैड तैयार रखे गए हैं ताकि जरूरत पड़ने पर लोगों को हवाई मार्ग से निकाला जा सके," एस. शन मोहन, कलेक्टर, काकीनाडा. अब तक 12,000 से अधिक लोग 76 चक्रवात राहत केंद्रों में पहुंचाए जा चुके हैं. लगभग 1,000 मवेशियों को भी सुरक्षित स्थलों पर भेजा गया है.

हवाई सेवाएं ठप, जनजीवन अस्त-व्यस्त

राजमहेंद्रवरी एयरपोर्ट पर आठ उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिससे तिरुपति, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और मुंबई के लिए हवाई संपर्क बाधित हो गया. कई इलाकों में बिजली गुल है और संचार सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. ओडिशा में गंजाम और गजपति जिलों में मूसलाधार बारिश और तेज हवाओं ने हालात बिगाड़ दिए. हालांकि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन आर. उदयगिरि, पारलाखेमुंडी, हुमा और काशीपुर में भूस्खलन से कई सड़कें बंद हो गईं. राज्य सरकार ने 2,000 से अधिक चक्रवात शेल्टर खोले हैं और 158 आपातकालीन टीमों को तैनात किया है, जिनमें 5 एनडीआरएफ, 30 ओडीआरएएफ और 123 फायर सर्विस यूनिट शामिल हैं.

मुख्यमंत्री मोहन माझी ने बताया कि 'हमारा लक्ष्य ‘जीरो कैजुअल्टी मिशन’ है. अब तक 11,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है और जरूरत पड़ने पर 30,000 और लोगों को निकाला जाएगा. उपमुख्यमंत्री के.वी. सिंहदेव ने कहा कि फसल को भारी नुकसान हुआ है और सरकार जिला रिपोर्ट आने के बाद मुआवजा प्रदान करेगी. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के महानिदेशक मृदुंजय मोहापात्रा ने बताया कि मोंथा का प्रभाव बुधवार तक बना रहेगा.

मृदुंजय मोहापात्रा, DG, IMD ने बताया कि, 'दक्षिण ओडिशा में भारी से अति भारी वर्षा होगी, जबकि यह सिस्टम धीरे-धीरे छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ते हुए कमजोर पड़ेगा.' क्षेत्रीय मौसम विभाग प्रमुख मनोरमा मोहंती के अनुसार, शुक्रवार तक बारिश कम हो जाएगी, लेकिन गुरुवार को ओडिशा के आंतरिक इलाकों में छिटपुट वर्षा जारी रह सकती है. दोनों राज्यों में राहत और बचाव कार्य जारी हैं. तटीय इलाकों में बिजली बहाल करने और सड़कों को साफ करने के लिए टीमें लगातार काम कर रही हैं. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे घरों में ही रहें और अफवाहों से बचें.

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