चीन में अजीत डोभाल, भारत के साथ काम करने के लिए तैयार ड्रैगन, क्या है एजेंडा?

भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल बुधवार को बीजिंग पहुंचे. वह दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच वार्ता में हिस्सा लेंगे. इस वार्ता में चीन की ओर से विदेश मंत्री वांग यी विशेष प्रतिनिधि के रूप में भाग लेंगे.;

Edited By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 18 Dec 2024 10:07 AM IST

भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल बुधवार को बीजिंग पहुंचे. वह दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच वार्ता में हिस्सा लेंगे. इस वार्ता में चीन की ओर से विदेश मंत्री वांग यी विशेष प्रतिनिधि के रूप में भाग लेंगे.

चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा, 'हम अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने और भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ और स्थिर विकास की ओर वापस ले जाने के लिए तैयार हैं. यह वार्ता सीमा विवादों और आपसी विश्वास को बढ़ाने के मुद्दों पर केंद्रित होगी, जो दोनों देशों के संबंधों को सकारात्मक दिशा में ले जाने का संकेत देती है.

डोभाल-वांग वार्ता से पहले चीन ने क्या कहा?

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन भारत के नेताओं के बीच हुए महत्वपूर्ण समझौतों को लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश एक-दूसरे के हितों और चिंताओं का सम्मान करते हुए संवाद के माध्यम से आपसी विश्वास को मजबूत करें.

लिन जियान ने कहा, "हम ईमानदारी और सद्भावना के साथ मतभेदों को सुलझाने और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और सकारात्मक दिशा में ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह बयान भारत और चीन के बीच चल रही विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के संदर्भ में आया है, जिसका उद्देश्य सीमा विवाद सहित अन्य मुद्दों पर आपसी सहमति बनाना है.'

मंगलवार को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 23वीं विशेष प्रतिनिधि बैठक के लिए बीजिंग में मुलाकात की. यह बैठक दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के रूप में आयोजित की गई, जिसमें सीमा विवाद और अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई. दिसंबर 2019 के बाद से डोभाल और वांग के बीच हुई बैठकें मुख्य रूप से बहुपक्षीय मुद्दों पर केंद्रित रही हैं, लेकिन इस बार बातचीत में सीमा समाधान पर भी ध्यान दिया गया.

नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, 'दोनों प्रतिनिधि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के प्रबंधन पर चर्चा करेंगे और सीमा विवाद का निष्पक्ष, उचित और परस्पर स्वीकार्य समाधान तलाशने का प्रयास करेंगे. इस बैठक के पहले, अक्टूबर में भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त व्यवस्था को लेकर एक समझौता हुआ था. हालांकि, मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना की हरकतों के कारण शुरू हुए सीमा गतिरोध के बाद से यह संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं.

पिछले सप्ताह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में बताया कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच "चरण-दर-चरण प्रक्रिया" के तहत सीमा विवाद का समाधान किया गया है, और देपसांग और डेमचोक जैसे क्षेत्रों में विघटन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.यह बैठक दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और सीमा विवाद के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.

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