Explainer: 1 साल में 10वीं की 2 बार बोर्ड परीक्षा क्यों करना चाहता है CBSE? स्टूडेंट्स पर क्या होगा असर?

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी CBSE ने 25 फरवरी को कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाओं में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की, जो 2026 से लागू होगा. सीबीएसई के इस नए प्रस्ताव के तहत, छात्रों को अब एक साल में दो बार बोर्ड एग्जाम देने का विकल्प मिलेगा. पहली परीक्षा फरवरी-मार्च में होगी, जबकि दूसरी परीक्षा का आयोजन मई में किया जाएगा.;

By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 26 Feb 2025 5:53 PM IST

CBSE's Dual Exam Proposal For Class 10: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 25 फरवरी को 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की. यह बदलाव 2026 से लागू होगा. सीबीएसई अगले साल से एक साल में दो बार 10वीं की परीक्षा आयोजित करने पर विचार कर रहा है. पहली परीक्षा फरवरी-मार्च में आयोजित की जाएगी, जबकि दूसरी परीक्षा मई मे होगी. यह कदम छात्र-छात्राओं को तनाव से मुक्त करने के मकसद से उठाया गया है.

CBSE ने बुधवार को एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में यह सिफारिश की गई है कि छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं में अपना प्रदर्शन सुधारने का अवसर दिया जाए. शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में शिक्षा मंत्रालय में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें दसवीं कक्षा में 2025-26 में दो बोर्ड परीक्षाएं आयोजित किए जाने पर विचार विमर्श हुआ.

बोर्ड परीक्षा के लिए बनाई जाएगी मसौदा नीति

बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि दो बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने के लिए मसौदा नीति यानी ड्राफ्ट पॉलिसी बनाई जाए और इसको सभी हितधारकों स्कूल, शिक्षक, अभिभावक, छात्र और अन्य (सामान्य जनता आदि) से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए सीबीएसई वेबसाइट पर होस्ट किया जाए.

सीबीएसई ने बताया कि यह ड्राफ्ट नीति व्यापक विचार विमर्श के बाद तैयार की गई है, जो वेबसाइट cbse.gov.in पर उपलब्ध है. हितधारक 9 मार्च 2025 तक ड्राफ्ट पॉलिसी पर अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं. उनकी प्रतिक्रियाओं की जांच कर नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने क्या कहा?

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि छात्रों के लिए तनाव मुक्त शिक्षण वातावरण बनाने पर सरकार का फोकस रहा है. एग्जामिनेशन इंप्रूवमेंट और रिफॉर्म इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इसे एक कदम आगे बढ़ाते हुए, 1 साल में दो बार CBSE परीक्षा आयोजित करने पर सचिव स्कूल शिक्षा, सीबीएसई अध्यक्ष और मंत्रालय और सीबीएसई के अन्य अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया गया. उन्होंने कहा कि इन विचार-विमर्शों की मसौदा योजना जल्द ही CBSE द्वारा सार्वजनिक परामर्श के लिए रखी जाएगी. यह सुधार एनईपी के प्रमुख प्रावधानों के कार्यान्वयन की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है और छात्रों के बीच परीक्षा संबंधी तनाव को कम करने में मदद करेगा।

1 साल में दो बार बोर्ड परीक्षा कराने से क्या होगा?

  • दो परीक्षाओं का विकल्प: स्टूडेंट्स अपनी सुविधा और तैयारी के अनुसार यह तय कर सकेंगे कि वे एक या दोनों परीक्षाएं देना चाहते हैं. अगर वे दोनों परीक्षाओं में शामिल होते हैं, तो बेहतर स्कोर को अंतिम परिणाम में शामिल किया जाएगा.
  • पूर्ण पाठ्यक्रम पर आधारित परीक्षा: दोनों बोर्ड परीक्षाएं पूरे सिलेबस पर आधारित होंगी. इससे छात्र-छात्राओं को संपूर्ण विषयवस्तु की समझ विकसित करने में सहायता मिलेगी.
  • प्रायोगिक परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन: प्रायोगिक परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन केवल एक बार ही होगा. स्टूडेंट्स चाहें तो एक या दोनों परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं.
  • परीक्षा केंद्र और शुल्क: दोनों परीक्षाओं के लिए छात्रों को एक ही केंद्र आवंटित किया जाएगा. इसके लिए परीक्षा शुल्क में वृद्धि की जाएगी.
  • सप्लीमेंट्री परीक्षा का समापन: दो बार बोर्ड परीक्षा होने से सप्लीमेंट्री परीक्षाएं खत्म हो जाएंगी. यदि कोई स्टूडेंट्स किसी विषय में आशा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाता है, तो वह दूसरी परीक्षा में उस विषय को पुनः देकर अपने अंक सुधार सकता है.

एक साल में दो बार बोर्ड परीक्षा कराने से क्या लाभ होगा?

  • तनाव में कमी: एक साल में दो बार बोर्ड परीक्षा कराने से स्टूडेंट्स पर एक ही एग्जाम में बेहतरीन प्रदर्शन करने का दबाव कम होगा. इससे वे मानसिक रूप से परेशान नहीं होंगे.
  • अवसरों में वृद्धि: यदि किसी स्टूडेंट का पहले एग्जाम में प्रदर्शन संतोषजनक नहीं होता, तो वह दूसरी परीक्षा में सुधार कर सकता है. इससे छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ेगा.

बोर्ड परीक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

  • सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा 15 फरवरी 2026 के बाद पहले मंगलवार को आयोजित की जाएंगी.
  • एग्जाम संक्षिप्त सिलेबस पर नहीं, बल्कि पूर्ण सिलेबस पर आधारित होंगे.
  • हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के लिए परीक्षा के दिन निश्चित होंगे, जबकि क्षेत्रीय और विदेशी भाषाओं की परीक्षा एक ही दिन कराई जाएगी.
  • डेटा साइंस जैसे अन्य विषयों की परीक्षा दो या तीन दिनों में निर्धारित की जा सकती है.
  • छात्र-छात्राएं खुद से वैकल्पिक विषयों के लिए अपनी परीक्षा तिथि नहीं चुन सकते.
  • गेम से जुड़े छात्रों को दो में एक बोर्ड परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य है. उनके लिए अलग से परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी.
  • दोनों बार बोर्ड परीक्षा के लिए सेंटर एक ही होगा. खुद से छात्र परीक्षा केंद्र नहीं चुन सकते.
  • पहली परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों की सूची (LOC) जमा करने के बाद स्टूडेंट्स अपने सब्जेक्ट में बदलाव नहीं कर सकते. अगर जरूरी हुआ तो केवल दूसरी परीक्षा में बदलाव पर विचार किया जा सकता है.
  • दूसरी परीक्षा पूरक परीक्षा के रूप में काम करेगी. अलग से कोई पूरक परीक्षा नहीं होगी.
  • छात्र-छात्राओं को पहली परीक्षा के बाद पासिंग सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाएगा. हालांकि, डिजिलॉकर पर वे अपने स्कोर को देख सकते हैं. दूसरी परीक्षा के बाद छात्र-छात्राओं को एक मार्कशीट सह पासिंग सर्टिफिकेट मिलेगा. इसमें दोनों परीक्षाओं के अंक, आंतरिक मूल्यांकन और दोनों में से सर्वश्रेष्ठ अंक शामिल होंगे. स्टूडेंट्स को एक मेरिट सर्टिफिकेट भी जारी किया जाएगा.

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