ड्यूटी पूरी होने पर पायलट कर सकते हैं प्लेन उड़ाने से इनकार? जानें क्या कहते हैं नियम
Pilot Duties And Responsibilities: क्या कोई पायलट अपनी ड्यूटी पूरी होने के बाद प्लेन उड़ाने से इनकार कर सकता है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि एयर इंडिया के पायलट ने अपनी ड्यूटी टाइम पूरी होने के बाद प्लेन को उड़ाने से इनकार कर दिया. आइए जानते हैं कि नियम क्या कहते हैं...;
Pilot Duties And Responsibilities: तारीख 18 नवंबर 2024... स्थान जयपुर... एयर इंडिया की फ्लाइट AI-2022 में बैठे यात्री हंगामा कर रहे थे. इसकी वजह था पायलटों का ड्यूटी टाइम पूरा होने के बाद फ्लाइट को छोड़ देना... फ्लाइट को सोमवार की सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर दिल्ली पहुंचना था, लेकिन खराब मौसम की वजह से फ्लाइट को जयपुर की ओर डायवर्ट करना पड़ा. फ्लाइट दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर जयपुर एयरपोर्ट पर लैंड हुई.
काफी देर तक पायलटों ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम से उड़ान के लिए क्लीयरेंस मिलने का इंतजार किया, लेकिन क्लीयरेंस नहीं मिल पाई. इस बीच उनका ड्यूटी टाइम पूरा हो गया, जिसके बाद उन्होंने फ्लाइट को छोड़ दिया. फ्लाइट में 180 से ज्यादा यात्री सवार थे, जो करीब 8 घंटे तक परेशान रहे. ऐसे में सवाल उठता है कि पायलटों की ड्यूटी को लेकर नियम क्या हैं, क्या पायलट अपनी ड्यूटी टाइम पूरा होने के बाद फ्लाइट को छोड़ सकते हैं... आइए इन सब सवालों के जवाब जानते हैं...
पायलटों की फ्लाइट ड्यूटी टाइम के नियम क्या हैं?
पायलटों को थकान न हो और क्रू मेंबर्स सही से काम कर सकें, इसके लिए ड्यूटी टाइम नियम बनाए गए हैं. क्रू मेंबर्स के लिए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) का पालन करना जरूरी है. एफडीटीएल के नियम फ्लाइट के क्रू मेंबर्स की जिम्मेदारी और जवाबदेही निर्धारित करते हैं. यही वजह है कि पायलट अपनी ड्यूटी टाइम पूरा होने के बाद फ्लाइट को उड़ाने से इनकार कर सकते हैं.
क्या हैं FDTL के नियम?
FDTL के तहत पायलट एक हफ्ते में अधिकतम 35 घंटे, महीने में 125 घंटे और साल में 1000 घंटे तक ही ड्यूटी कर सकता है. उसे 24 घंटे में कम से कम 10 घंटे रेस्ट करना होगा. अगर फ्लाइट लंबी दूरी की है तो फ्लाइट के लिए बीच में ही रेस्ट की व्यवस्था करनी होगी. अगर फ्लाइट डायवर्ट होती है और पायलट का ड्यूटी टाइम पूरा हो जाता है तो यह उस पर निर्भर करता है कि वह आगे फ्लाइट उड़ाना चाहता है या नहीं. उस पर दबाव नहीं बनाया जा सकता.
किसी भी उड़ान से पहले रोस्टर तैयार करना होता है. यह कम से कम 7 दिन का होता है. इसमें उड़ान के साथ-साथ रेस्ट के बारे में भी जानकारी दी जाती है. क्रू कितना थका हुआ या कितनी उड़ान भर चुका है, इसकी एक रिपोर्ट तैयार की जाती है. डीजीसीए कभी भी एयरलाइंस से रोस्टर मांग सकता है.
एक पायलट के क्या कर्तव्य होते हैं?
आमतौर पर लोग जानते हैं कि पायलट का काम सिर्फ विमान उड़ाना होता है, लेकिन इसके अलावा भी उन्हें कई सारे कामों को करना होता है. उन्हें यह पता होना चाहिए कि इंस्ट्रूमेंटेशन का परीक्षण और जांच कैसे करें... इसके अलावा, उड़ान योजनाएं तैयार करना और उसे जमा करना, पूरे मार्ग पर मौसम की स्थिति का सही-सही अनुमान लगाना भी उनके काम का हिस्सा होता है. उन्हें राज्य और देशों के कानूनों और अध्यादेशों से परिचित होना चाहिए. यात्री रोस्टर के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए. फ्लाइट टेक ऑफ के बाद पायलट को यह जानना होता है कि चेतावनी गेज, हाइड्रोलिक और दबाव प्रणाली सही ढंग से काम कर रही हैं कि नहीं...
पायलट की ड्यूटी अवधि की निगरानी कौन करता है?
पायलट के ड्यूटी अवधि की निगरानी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय यानी डीजीसीए करता है.
पायलट को एक महीने में कितनी सैलरी मिलती है?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एयर इंडिया के पायलट को शुरुआत में करीब 1 लाख 67 हजार रुपये प्रति माह मिलते हैं, जो अनुभव हासिल करने के बाद 5.56 लाख रुपये तक हो सकती है. इसके साथ ही, उन्हें और उनके परिवार को कुछ विशेष सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती हैं.
पायलट कब रिटायर होते हैं?
पायलटों के रिटायरमेंट की उम्र 65 साल है. पहले यह उम्र 58 साल होती थी. रिटायरमेंट की उम्र सीमा डीजीसीए तय करती है.
पायलट का प्रशिक्षण कहां से हासिल करें?
देश में कई पायलट ट्रेनिंग स्कूल हैं, जो प्लेन उड़ाने का प्रशिक्ष देते हैं. इसमें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी, राजीव गांधी अकादमी ऑफ एविएशन टेक्नोलॉजी, मध्य प्रदेश फ्लाइंग क्लब, बॉम्बे फ्लाइंग क्लब और नेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट शामिल हैं.