बिहार चुनाव के एलान से पहले भाजपा को मिल जाएगा नया राष्ट्रीय अध्यक्ष! 100 नेताओं पर विचार- विमर्श- देरी क्यों आ गई वजह?

बिहार चुनाव से पहले भाजपा में बड़ा बदलाव हो सकता है. पार्टी को जल्द ही नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक, करीब 100 नेताओं के नामों पर विचार-विमर्श चल रहा है. हालांकि, इस प्रक्रिया में थोड़ी देरी हो गई है. वजह बताई जा रही है कि शीर्ष नेतृत्व सही संतुलन साधना चाहता है, ताकि चुनाव से पहले पार्टी को मजबूती और संगठनात्मक एकजुटता मिल सके.;

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भारतीय जनता पार्टी (BJP) में बड़े संगठनात्मक फेरबदल की आहट तेज़ हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान से पहले नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है. ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा आगामी चुनाव नए नेतृत्व के तहत लड़ेगी. हालांकि, इस चयन में लगातार देरी हो रही है जिसके पीछे कई अहम कारण बताए जा रहे हैं.

पार्टी सूत्रों ने खुलासा किया है कि भाजपा और उसके वैचारिक सहयोगी संगठन आरएसएस (RSS) ने इस संबंध में व्यापक स्तर पर परामर्श किया है. इस प्रक्रिया के तहत 100 से अधिक वरिष्ठ नेताओं और पूर्व पदाधिकारियों से चर्चा की गई है. वहीं, कुछ अन्य कारण भी हैं जिनके चलते नए अध्यक्ष की घोषणा अब तक टलती रही है.

परामर्श और वरिष्ठ नेताओं से चर्चा

सूत्रों ने बताया कि पार्टी और आरएसएस की ओर से 100 शीर्ष नेताओं से नए अध्यक्ष के नामों पर विचार-विमर्श किया गया है. इसमें पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षों, वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों और संवैधानिक पदों पर रह चुके नेताओं से भी राय ली गई है.

उपराष्ट्रपति चुनाव भी एक बड़ी वजह

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा में देरी का एक बड़ा कारण 9 सितंबर को होने वाला उपराष्ट्रपति चुनाव भी है. दरअसल, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद यह चुनाव तय हुआ. अब पार्टी इस पर पूरी तरह केंद्रित है और चाहती है कि उसके उम्मीदवार महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अधिकतम वोटों से जीत मिले.

राज्य अध्यक्षों का चुनाव भी बाकी

पार्टी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन तभी हो सकता है जब कम से कम 36 में से 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में निर्वाचित अध्यक्ष हों. फिलहाल, भाजपा ने 28 राज्यों में यह प्रक्रिया पूरी कर ली है. हालांकि कुछ राज्यों में चुनाव होना बाकी है. पंजाब में कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति हो चुकी है.

जेपी नड्डा का कार्यकाल और विस्तार

मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जनवरी 2020 में इस पद पर निर्वाचित हुए थे. उनका कार्यकाल 2023 में समाप्त हो गया था, लेकिन उन्हें दो बार विस्तार दिया गया. पहली बार 2024 लोकसभा चुनाव के चलते और दूसरी बार संगठनात्मक कारणों से.

युवा नेतृत्व को मौका देने की तैयारी

भाजपा ने संगठन में युवाओं को आगे लाने की दिशा में भी कदम उठाए हैं. मंडल अध्यक्ष पद के लिए उम्र सीमा 40 वर्ष से कम रखी गई है, ताकि नई पीढ़ी के नेताओं को अवसर मिल सके. वहीं, जिला और राज्य अध्यक्षों के लिए शर्त रखी गई है कि उम्मीदवार कम से कम दस साल से पार्टी का सक्रिय सदस्य होना चाहिए. हालांकि, कुछ मामलों में अपवाद भी किए गए हैं.

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