बांग्लादेश की पुलिस ने इस्कॉन को बताया आतंकी संगठन, लोगों ने कहा- ये आतंकवादी लग रहे हैं?

बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के साथ वहां की सरकार हिन्दुओं पर अत्याचार करने पर तुली है. कोलकाता के वाईस प्रेसिडेंट ने लिखा कि बांग्लादेशी पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और इस्कॉन को एक आतंकवादी संगठन करार दिया. पुलिस ने दावा किया है कि इस्कॉन के सदस्य 'जय श्री राम' का नारा लगाते हैं, इसका क्या प्रमाण है?;

Edited By :  नवनीत कुमार
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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में बताया जा रहा है कि बांग्लादेश की पुलिस ने इस्कॉन को आतंकवादी संगठन बताया है. इस वीडियो को शेयर करते हुए इस्कॉन कोलकाता के वाईस प्रेसिडेंट ने लिखा कि बांग्लादेशी पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और इस्कॉन को एक आतंकवादी संगठन करार दिया. पुलिस ने दावा किया है कि इस्कॉन के सदस्य 'जय श्री राम' का नारा लगाते हैं, इसका क्या प्रमाण है?

बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के साथ वहां की सरकार हिन्दुओं पर अत्याचार करने पर तुली है. कट्टर इस्लामिक संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम ने चिटगांव में इस्कॉन के खिलाफ रैली निकाली. रैली में इस्कॉन के समर्थकों को पकड़ने और उनकी हत्या करने के नारे लगाए गए. प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाया जाए.

वायरल वीडियो में बांग्लादेशी पुलिस ने क्या कहा?

वीडियो में बांग्लादेश की पुलिस कहती दिख रही है कि लोग 'जय श्री राम' स्लोगन बोल रहे हैं. इस्कॉन के हिन्दुओं ने मुस्लिमों ओर हमला किया है. हमने फेसबुक के कई पोस्ट के माध्यम से पढ़ा है कि इस्कॉन हिंदुओं ने ये अटैक किया है.

इस वीडियो के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़े हैं. श्रवण विश्नोई नामक यूजर ने कहा कि ये आतंकवादी लग रहे हैं?

वहीं, अर्बन मोंक नामक यूजर ने लिखा, वर्तमान बांग्लादेशी सरकार और कट्टरपंथी मुसलमान इस्कॉन के शांतिपूर्ण, निर्दोष, निहत्थे और ईश्वर प्रेमी भक्तों को लेकर इतने चिंतित क्यों हैं, सिर्फ इसीलिए कि वे सत्य, शांति, प्रेम और अच्छे मानवीय मूल्यों के माध्यम से आध्यात्मिकता का सरल संदेश फैलाते हैं?

उपदेश देने के बजाय हमारे शास्त्रों से सीखें

रवि वेंकटरमन नामक यूजर ने लिखा, "बहुत सिंपल है, सांपों को दूध पिलाना बंद करो. अगर आप सांपों को खाना खिलाने का इरादा रखते हैं तो शिकायत न करें. भगवान ने असुरों को अमृत देने से मना कर दिया, भले ही उनका उपयोग समुद्र मंथन में किया गया था. उपदेश देने के बजाय हमारे शास्त्रों से सीखें.


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