चुनाव में मुगलों का सहारा! नेताओं को बार-बार क्यों आती है औरंगजेब की याद?

Aurangjeb Kaun Tha: कोई भी चुनाव आते ही औरंगजेब जिंदा हो जाता है. ऐसी कोई रैली नहीं होती, जिसमें नेता औरंगजेब का नाम न लेते हों. आखिर चुनाव में ही नेताओं को क्यों औरंगजेब की याद आती है, औरंगजेब कौन था और उसका नाम लेने से किसे फायदा होता है और किसे नुकसान, आइए इन सभी सवालों के जवाब इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं...;

( Image Source:  ANI )
Curated By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 14 Nov 2024 9:57 AM IST

Aurangjeb History In Hindi: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुगल बादशाह औरंगजेब की एंट्री हो गई है. अब यह नाम लगातार बीजेपी नेताओं की रैलियों में सुनाई दे रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस हों या योगी आदित्यनाथ, सभी ने औरंगजेब का नाम लेकर विपक्ष पर जमकर निशाना साधा है. अब सवाल यह उठता है कि औरंगजेब कौन था और उसने ऐसा क्या किया था कि उसका नाम लेकर विपक्ष पर हमला किया जा रहा है. आइए, इन सबके बारे में विस्तार से जानते हैं...

'औरंगजेब की शान में कसीदे पढ़ती है कांग्रेस'

सबसे पहले बात नेताओं की बयानबाजी की कर लेते हैं. पीएम मोदी ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस और उसके साथी औरंगजेब की शान में तो कसीदे पढ़ते हैं, लेकिन वीर सावरकर और बालासाहेब ठाकरे की सराहना करने में इनके मुंह पर ताले लग जाते हैं.

'आघाड़ी वाले तो औरंगजेब फैन क्लब के मेंबर हैं'

केंद्रीय गृह अमित शाह ने भी औरंगजेब का नाम लेकर महाविकास आघाड़ी पर जमकर हमला बोला. शाह ने 13 नवंबर को एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि हम तो शिवाजी महाराज के रास्ते पर चलने वाले लोग हैं.आघाड़ी वाले तो औरंगजेब फैन क्लब के मेंबर हैं. उन्होंने कहा कि औरंगाबाद का नाम जब संभाजी नगर करने की बात आई तो उस समय भी महाविकास आघाड़ी ने इसका विरोध किया था.

'औरंगजेब एक आक्रमणकारी था'

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस एक रैली को संबोधित करते हुए एआईएमआईएम चीफ व हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर बुरी तरह भड़क उठे. उन्होंने कहा कि कोई यहां आकर औरंगजेब का महिमा मंडन कर रहा है. भारत का सच्चा मुसलमान औरंगजेब को अपना हीरो नहीं मानता. फडणवीस यही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि औरंगजेब एक आक्रमणकारी था. ओवैसी सुन लो. कुत्ता भी पेशाब न करेगा औरंगजेब की पहचान पर, अब तिरंगा लहराएंगे पूरे पाकिस्तान पर.

'औरंगजेब को पूछने वाला आज कोई नहीं है'

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र में एक रैली को संबोधित करते समय औरंगजेब का नाम लिया. उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज ने औरंगजेब का ऐसा हाल कर दिया था कि आज भी उसे कोई पूछने वाला नहीं है.

औरंगजेब का नाम चर्चा में क्यों है?

दरअसल, औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र के संभाजीनगर में है. औरंगजेब को हिंदू मंदिरों को नष्ट करने और गैर-मुसलमानों पर जजिया कर लगाने के लिए जाना जाता है. उसने छत्रपति शिवाजी महाराज को कैद करने, उन्हें मारने और उन्हें परास्त करने की कई बार कोशिश की, लेकिन हर बार उसे नाकामयाबी ही मिली.

'औरंगजेब ने बड़े भाई को भी नहीं बख्शा'

औरंगजेब की छवि हिंदुओं से नफरत करने वाले कट्टरपंथी बादशाह की रही है. उसने अपने बड़े भाई दारा शिकोह को भी नहीं बख्शा था. उसने अपने पिता शाहजहां को आगरा के किले में बंदी बनाकर रखा था. डिस्कवरी ऑफ इंडिया में लिखा गया है कि औरंगजेब धर्मांध बादशाह था.

औरंगजेब का नाम लेने से किसे फायदा होगा?

बीजेपी का ऐसा मानना है कि उसने मुस्लिम वोट न के बराबर मिलते हैं. ऐसे में उसकी रणनीति हिंदुओं का एकजुट वोट पाने पर है. यही वजह है कि पीएम मोदी ने 'एक हैं तो सेफ हैं' का नारा भी दिया. औरंगजेब की छवि हिंदुओं पर अत्याचार करने और हिंदू धर्म को खत्म करने की कोशिश करने वाले शासक के रूप में है.

बीजेपी का ऐसा सोचना है कि विपक्ष पर औरंगजेब का नाम लेकर निशाना साधने से उसे हिंदुओं का एकजुट वोट हासिल होगा, जिससे सत्ता को बरकरार रखने में उसे मदद मिलेगी. बता दें कि सूबे में कुल 38 मुस्लिम बाहुल्य सीटें हैं, जिसमें से 2019 में बीजेपी-कांग्रेस को 11, एनसीपी को 2, शिवसेना को 9, सपा और AIMIM को 2 सीटें मिली थीं.

औरंगजेब ने मंदिरों को किया नष्ट

औरंगजेब ने गैर-मुसलमानों पर 1679 में जजिया कर लगाया था. उसने हिंदू मंदिरों को भी नष्ट किया था. प्रधानमंत्री मोदी ने 27 दिसंबर 2022 को 'वीर बाल दिवस' कार्यक्रम के दौरान कहा था कि औरंगजेब ने गुरु गोबिंद सिंह के बच्चों का तलवार के बल पर धर्म परिवर्तन कराना चाहते था, लेकिन जब बच्चों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया तो उन्हें मार डाला. इस बयान के बाद X पर औरंगजेब ट्रेंड करने लगा था. शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत का मानना है कि कर्नाटक में बजरंगबली से मदद नहीं मिली तो अब बीजेपी औरंगजेब का मुद्दा उठा रही है.

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