अदिना मस्जिद या आदिनाथ मंदिर? यूसुफ पठान के पोस्ट से फिर भड़का सालों पुराना विवाद- यूजर्स ने दिखाया आईना

यूसुफ पठान के अदिना मस्जिद पर किए गए पोस्ट ने पश्चिम बंगाल में सालों पुराना मंदिर-मस्जिद विवाद फिर से तूल पकड़ लिया है. भाजपा और सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि यह मस्जिद नहीं बल्कि आदिनाथ मंदिर था, जिसके अवशेषों पर मस्जिद बनी. ASI ने अब भी इसे राष्ट्रीय महत्व का स्मारक बताया है, लेकिन इतिहासकार और विद्वान हिंदू प्रतीकों और पुरानी संरचनाओं का हवाला देते हुए इसे मंदिर का अवशेष मानते हैं.;

( Image Source:  Yusuf Pathan- X )
By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 18 Oct 2025 8:02 PM IST

पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में स्थित अदिना मस्जिद को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है. यह बहस तब शुरू हुई जब टीएमसी सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान ने इस ऐतिहासिक स्थल का दौरा कर इसे 'स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण' बताया. उनके इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर हलचल मच गई. बीजेपी नेताओं और यूज़र्स ने दावा किया कि यह मस्जिद नहीं बल्कि आदिनाथ मंदिर है, जिसे तोड़कर मस्जिद में बदला गया था.

सोशल मीडिया पर भगवान गणेश और भगवान शिव जैसी आकृतियों के कथित चित्र शेयर किए जा रहे हैं, जो कहा जा रहा है कि इसी परिसर से जुड़े हैं. वहीं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने अब तक इस विवाद पर तटस्थ रुख अपनाया है और इसे “राष्ट्रीय महत्व का संरक्षित स्मारक” बताया है.

यूसुफ पठान की पोस्ट से सोशल में मचा बवाल

यूसुफ पठान के इस पोस्ट से सोशल मीडिया में बवाल मचा हुआ और यूजर्स भी अपनी-अपनी राय दे रहे हैं. इतना ही नहीं इस पर यूजर्स हिंदू और मुस्लिम दो हिस्सों में बट चुके हैं.Aakanksha नाम के एक यूजर ने लिखा कि, पीछे देखो,पीछे देखो,अरे पीछे तो देखो... जहाँ खोदोगे सनातन ही मिलेगा.. और यहाँ तो खोदने की भी जरूरत नहीं है युसुफ पठान..मस्जिद की दीवार पर ही प्रमाण मिल गए.

Jitendra pratap singh नाम के एक यूजर ने लिखा कि, इतिहास पढ़ते वक्त अगर आक्रांताओं द्वारा तलवार के दम पर पहनाए गए चश्मे को उतार देते तो पता चलता कि वहां पहले कभी ADINAth मंदिर हुआ करता था... लेकिन ये मान लोगे तो बहुत कुछ मानना पड़ेगा और वो साबित कर देगा कि पठान तो पहले पाठक था. Aashik Khan नाम के एक यूजर ने लिखा कि, इतिहास पढ़ लो अंधभक्तो- ये Temple नहीं, Adina Masjid है हर पुरातात्विक रिकॉर्ड, हर शिलालेख Masjid ही कहता है! Temple नाम किसी दस्तावेज़ में नहीं, बस झूठ और नफरत में पैदा हुआ है! सच को झुठलाकर धर्म नहीं बचता, शर्म आनी चाहिए इतनी नफ़रत पर!

यूसुफ पठान ने क्या कहा?

यूसुफ पठान ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि 'अदिना मस्जिद 14वीं सदी में इलियास शाही वंश के दूसरे शासक सुल्तान सिकंदर शाह द्वारा बनवाई गई एक ऐतिहासिक मस्जिद है. 1373-1375 ईस्वी में निर्मित यह उस दौर में भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे बड़ी मस्जिद थी, जो इस क्षेत्र की स्थापत्य भव्यता को दर्शाती है. इस पोस्ट में उन्होंने इसे बंगाल की ऐतिहासिक पहचान का प्रतीक बताया. लेकिन बीजेपी और कई इतिहासकारों ने इस दावे को चुनौती दी.

बीजेपी का पलटवार- 'Correction – Adinath Temple'

पठान के पोस्ट के कुछ घंटों के भीतर पश्चिम बंगाल बीजेपी ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया कि इसके साथ ही पार्टी के नेताओं और समर्थकों ने दावा किया कि अदिना मस्जिद दरअसल आदिनाथ मंदिर था, जिसे ध्वस्त कर उस पर मस्जिद का निर्माण किया गया. यह विवाद कोई नया नहीं है. 2022 में बीजेपी उपाध्यक्ष रथींद्र बोस ने भी ट्वीट कर कहा था. अदिना मस्जिद के नीचे आदिनाथ मंदिर सो रहा है… यह इतिहास बहुतों को पता नहीं.

फिर क्यों भड़का विवाद?

2024 में यह विवाद तब फिर सुर्खियों में आया जब हिंदू पुजारी हीरण्मय गोस्वामी ने भक्तों के साथ मस्जिद परिसर में पूजा-अर्चना की. पुलिस ने तत्काल हस्तक्षेप कर संभावित साम्प्रदायिक तनाव को रोकने की कोशिश की. मालदा में मुस्लिम आबादी लगभग 52% है. गोस्वामी ने दावा किया कि पूजा के दौरान उन्होंने शिवलिंग और अन्य हिंदू प्रतीक देखे. इसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.

वकील हरिशंकर जैन की चिट्ठी से गरमाई सियासत

प्रख्यात वकील हरिशंकर जैन, जो ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि मामलों में भी सक्रिय हैं, ने इस विवाद को नया मोड़ दिया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर हिंदुओं को मस्जिद परिसर में पूजा की अनुमति देने की मांग की. उन्होंने कहा कि 'यह एक भव्य हिंदू मंदिर था. इसके प्रमाण आज भी मौजूद हैं. ऐसी 32 तस्वीरें हैं जो दिखाती हैं कि यह मंदिर था जिसे बाद में ध्वस्त कर मस्जिद बनाई गई.'

इतिहासकारों के तर्क

पुरातत्वविदों और इतिहासकारों का कहना है कि सुल्तान सिकंदर शाह के शासनकाल में बनी इस मस्जिद में हिंदू और बौद्ध मंदिरों के अवशेषों का उपयोग किया गया. कुछ विशेषज्ञों के अनुसार 'अदिना' शब्द 'आदिनाथ' से निकला है. जिसका अर्थ होता है 'पहला देवता' या भगवान शिव. इतिहासकार अलेक्जेंडर कनिंघम (1879-80) और एस.के. सरस्वती ने भी अपने शोध में लिखा था कि मस्जिद के निर्माण में हिंदू मंदिरों की सामग्री का इस्तेमाल किया गया.

‘धर्म या धरोहर’ की बहस

अदिना मस्जिद आज भी भारत के सबसे बड़े पुरातात्विक स्थलों में से एक है. ब्रिटिश और भारतीय इतिहासकारों दोनों ने इसे “मिश्रित स्थापत्य शैली” का प्रतीक बताया है. लेकिन अब यह जगह सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि धार्मिक पहचान और ऐतिहासिक व्याख्या की नई जंग का केंद्र बन चुकी है.

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