5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी, अमेरिका जैसी सड़कें... क्‍या 2025 में पूरे होंगे मोदी सरकार के दिखाए ये सपने?

PM Modi 2025 Dreams: मोदी सरकार ने हर साल दो करोड़ लोगों को नौकरी देने, 2025 तक भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर करने और अमेरिकी के जैसी भारत की सड़कों को करने का वादा किया था, लेकिन इसमें से एक वादा भी पूरा नहीं हो पाया है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस साल जनता से किए गए अपने वादों को सरकार पूरा कर पाएगी या नहीं...;

( Image Source:  ANI )
By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 2 Jan 2025 5:45 PM IST

Narendra Modi Government Promises For 2025: अगस्त 2023... प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साउथ अफ्रीका में ब्रिक्स समिट में शामिल होने के लिए गए थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि वैश्विक उथल पुथल का भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.भारत की अर्थव्यवस्था जल्द ही 5 ट्रिलियन की हो जाएगी. इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत आने वाले सालों में दुनिया का विकास इंजन बनेगा. इससे 9 महीने पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत की अर्थव्यवस्था के 5 ट्रिलियन डॉलर होने की डेडलाइन भी दे दी. उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था 2025 के अंत तक 5 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी.

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से कुछ दिन पहले 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि कुछ लोग कह रहे हैं कि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करना बहुत मुश्किल है. हालांकि, यह साहस की बात होगी, नई संभावनाओं की बात होगी, विकास के यज्ञ की बात होगी, माँ भारती की सेवा की बात होगी और नए भारत का सपना देखने की बात होगी. ये सपने काफी हद तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य से जुड़े हुए हैं.

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 10 सितंबर, 2019 को 'एक्स' पर पोस्ट किया था- भारत ने 2025 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है. दिसंबर 2022 में, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने की समय सीमा तय की थी, जबकि अमित शाह ने नवंबर 2022 में चेन्नई में एक कार्यक्रम में 2025 के अंत तक की समय सीमा घोषित की थी. शाह के शब्दों के अनुसार, भारत के पास लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अभी भी 364 दिन हैं।

'सड़कें 2024 के अंत तक अमेरिकी मानकों के अनुरूप होंगी'

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद समेत कई मंचों से कहा है, हमारी समृद्धि हमारी सड़कों से जुड़ी हुई है. जब से मैंने इस क्षेत्र में काम करना शुरू किया है, मैं जॉन कैनेडी (पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति) की कही बात को ध्यान में रखता हूं. अमेरिकी सड़कें इसलिए अच्छी नहीं हैं क्योंकि अमेरिका समृद्ध है, बल्कि अमेरिका इसलिए समृद्ध है, क्योंकि वहां की सड़कें अच्छी हैं.

गडकरी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में अपने मंत्रालय के लिए बजट प्रस्तावों पर अपने जवाब में कहा कि भारत को आत्मनिर्भर, खुशहाल, शक्तिशाली, समृद्ध बनाने का संकल्प मोदी ने लिया है, उसके आधार पर मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि 2024 खत्म होने से पहले भारत का सड़क बुनियादी ढांचा अमेरिका के बराबर हो जाएगा. गडकरी ने कई बार यह वादा दोहराया है, फिर भी वे तय समयसीमा में ऐसा नहीं कर पाए. नई समय-सीमा की घोषणा अभी तक नहीं की गई है.

कुपोषण से कब मुक्त होंगे बच्चे?

वर्ष 2022 तक भारत को कुपोषण से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया था. यह लगभग तीन साल पहले की बात है. फरवरी 2024 में, हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा एक अध्ययन प्रकाशित किया गया, जिसमें भारत को खाद्य मुक्त बच्चों की लिस्ट में टॉप पर रखा गया, अर्थात छह महीने से लेकर दो साल से कम उम्र के वे बच्चे जिन्होंने पिछले 24 घंटों में कोई दूध, फॉर्मूला या भोजन नहीं लिया. 6.7 मिलियन बच्चों के साथ भारत नाइजीरिया, पाकिस्तान, इथियोपिया, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, मिस्र, बांग्लादेश, माली, सूडान और अंगोला से ऊपर है.

अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के ओपन नेटवर्क के जर्नल में प्रकाशित निष्कर्षों को भारत के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 'फर्जी खबरों को सनसनीखेज बनाने के लिए जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण प्रयास' के रूप में खारिज कर दिया. पांच महीने बाद, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि छह वर्ष से कम आयु के 8.57 करोड़ बच्चों में से 17 प्रतिशत कम वजन के हैं, 36 प्रतिशत अविकसित हैं तथा 6 प्रतिशत दुर्बल हैं, जो कुपोषण के संकेत हैं.

हर साल दो करोड़ नौकरियां

एक दशक से भी ज्यादा समय पहले मोदी युवाओं को नौकरी देने का वादा करके सत्ता में आए थे. उनके तीसरे कार्यकाल में, सितंबर 2024 में देश में बेरोज़गारी दर (स्वतंत्र थिंक टैंक सेंटर फ़ॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार) 7.8 प्रतिशत थी. यह 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल की तुलना में ज़्यादा है. 2014 में बेरोजगारी दर 5.44 प्रतिशत थी.

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और मानव विकास संस्थान की तरफ से तैयार भारत रोजगार रिपोर्ट 2024 में कहा गया है कि देश में सभी बेरोजगार लोगों में शिक्षित युवाओं की संख्या 2022 में 65.7 प्रतिशत हो जाएगी, जो पहले 54.2 प्रतिशत थी. 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी के घोषणापत्र को जारी करते हुए मोदी ने पार्र मुख्यालय में कहा था कि भारत के युवाओं ने कल्पना भी नहीं की होगी कि उनके सामने इतने अवसर आएंगे.

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