Paresh Rawal ने फिल्मों में गालियों और सेक्स की भरमार पर उठाई आवाज़, बोले - अब दर्शक थक चुके हैं"

परेश रावल का मानना है कि फिल्मों और वेब सीरीज़ का कंटेंट हमारे समाज का आईना है. हम वही दिखाते हैं, जो समाज में हो रहा है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हर चीज़ को खुल्लमखुल्ला दिखाया जाए.;

Edited By :  रूपाली राय
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बॉलीवुड स्टार परेश रावल अक्सर अपनी दमदार एक्टिंग और बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में बॉलीवुड बबल को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने फिल्मों और वेब सीरीज़ में बेवजह की अश्लीलता, गालियों और सेक्स दृश्यों को लेकर खुलकर अपनी राय रखी. उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि आजकल कई फिल्म और वेब शो सिर्फ दर्शकों का ध्यान खींचने के लिए सस्ती और भड़काऊ कंटेंट परोस रहे हैं. 

जब परेश रावल से पूछा गया कि आजकल कुछ राजनीतिक पार्टियां फिल्म और वेब कंटेंट को 'संस्कारी' बनाने की बात करती हैं, इस पर उनके क्या विचार हैं – तो उन्होंने एक मजेदार चुटकुले के ज़रिए अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, 'एक महिला ने पुलिस से शिकायत की कि एक आदमी नंगा घूम रहा है. पुलिस आई, देखा – कुछ नज़र नहीं आया. महिला ने कहा – ‘एक स्टूल पर चढ़कर देखो.’ अब बात ये है कि अगर आप गंदगी खोजने के लिए ही अड़े हुए हैं, तो आपको वो मिल ही जाएगी.' इस जोके के ज़रिए परेश यह समझाना चाहते थे कि अगर कोई इंसान सिर्फ नेगेटिव चीज़ें ढूंढ़ना चाहे, तो उसे हर जगह गड़बड़ियां दिखेंगी.

हर सीरीज में सेक्स और गालियां 

परेश रावल का मानना है कि फिल्मों और वेब सीरीज़ का कंटेंट हमारे समाज का आईना है. हम वही दिखाते हैं, जो समाज में हो रहा है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हर चीज़ को खुल्लमखुल्ला दिखाया जाए. कई बार बातें सिंबॉलिक मैनर से या सादगी से भी कही जा सकती हैं. हर सच्चाई को पर्दे पर दिखाना ज़रूरी नहीं है. परेश ने आगे कहा कि दर्शक अब हर शो में ज़बरदस्ती डाले गए गालियों और सेक्स सीन्स से ऊब चुके हैं. जब हर दूसरी या तीसरी वेब सीरीज़ में बिना वजह गालियां और सेक्स डाल दिया जाता है, तो लगता है कि ये सब सिर्फ दर्शकों को अट्रैक्ट करने के लिए किया जा रहा है, लेकिन अब जनता थक चुकी है.' उन्होंने बताया कि कई निर्माता सिर्फ 'सस्ती लोकप्रियता' के लिए ऐसे हथकंडे अपनाते हैं और यही कारण है कि जब उन्होंने खुद को रोकने की कोशिश नहीं की, तो सरकार को कंट्रोल में लाने के लिए बीच में आना पड़ा. 

कमरे से उठकर जाना पड़ता है बाहर 

परेश रावल ने बताया कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान जब परिवार एक साथ समय बिताने के लिए टीवी या ओटीटी पर कुछ देखना चाहते थे, तो अश्लील और असहज दृश्यों की वजह से सभी को बार-बार कमरे से उठकर बाहर जाना पड़ता था. ऐसे कंटेंट की वजह से परिवार एक साथ बैठकर कुछ देख ही नहीं पाते थे. जो शो या फिल्में सभी उम्र के लोगों को साथ बैठाकर देखी जानी चाहिए थीं, वे ही शर्मिंदगी की वजह बन गईं. 

परेश का वर्क फ्रंट 

काम की बात करें तो परेश रावल जल्द ही नजर आएंगे फिल्म ‘निकिता रॉय एंड द बुक ऑफ डार्कनेस’ में, जिसमें वह एक ग्रे-शेड किरदार निभा रहे हैं- यानी न पूरी तरह अच्छा, न पूरी तरह बुरा. इस फिल्म को कुश एस. सिन्हा निर्देशित कर रहे हैं, जो एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे हैं, यह उनकी पहली निर्देशित फिल्म है. फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा, अर्जुन रामपाल और सुहैल नय्यर भी अहम भूमिकाओं में हैं. पहले यह फिल्म 27 जून को रिलीज़ होने वाली थी, लेकिन अब इसकी नई रिलीज़ डेट 18 जुलाई तय की गई है. 

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