मेरी इमेज को नुकसान हो रहा है.... Kumar Sanu पहुंचे दिल्ली हाई कोर्ट, इस वजह से की सुरक्षा की मांग

कुमार सानू का यह कदम उन सभी कलाकारों के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल बन सकता है जो AI और डिजिटल तकनीक के ज़रिए हो रहे 'वॉयस क्लोनिंग' और फेक कंटेंट से जूझ रहे हैं. अगर कोर्ट उनके पक्ष में फैसला देता है, तो यह सेलेब्रिटी अधिकारों की सुरक्षा में एक नया अध्याय जोड़ सकता है.;

( Image Source:  Instagram : kumarsanuofficia )
Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 12 Oct 2025 10:14 AM IST

प्लेबैक सिंगर कुमार सानू, जिनकी मेलोडियस आवाज़ ने 90 के दशक से लेकर आज तक लाखों लोगों को दीवाना बनाया है, अब डिजिटल दुनिया में अपनी पहचान के दुरुपयोग से परेशान हैं; उन्होंने अपनी आवाज़, नाम, छवि और सिंगिंग स्टाइल की कानूनी सुरक्षा के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है. सिंगर की याचिका पर सोमवार को न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा सुनवाई करेंगी.

कुमार सानू ने अपने वकील शिखा सचदेवा और सना रईस खान के ज़रिए दाखिल याचिका में अदालत से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति या संस्था उनकी आवाज़, चेहरा, तस्वीर, सिग्नेचर, गायन स्टाइल या व्यक्तित्व का अनऑथॉराईज़ड या बिना अनुमति इस्तेमाल न कर सके, खासकर कमर्शियल बेनिफिट्स  के लिए. उन्होंने कहा कि इस तरह के दुरुपयोग से उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा है और जनता को भ्रम हो सकता है कि ये कंटेंट उन्होंने खुद बनाया या समर्थन किया है. 

AI और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दुरुपयोग का आरोप

कुमार सानू ने अपनी याचिका में कहा है कि इंटरनेट पर उनकी आवाज़ और शक्ल जैसी AI से बनाई गई ऑडियो और वीडियो क्लिप्स वायरल हो रही हैं. कई बार उन्हें मज़ाक उड़ाने वाले या अपमानजनक अंदाज़ में पेश किया गया, जिससे उनकी इमेज को गहरा नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि ऐसे कई GIF, मीम, वीडियो और वॉयस क्लोन सोशल मीडिया साइटों जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर अपलोड किए जाते हैं, जिनसे इन प्लेटफॉर्म्स को व्यूज़ और क्लिक्स के ज़रिए राजस्व मिलता है. याचिका में कहा गया, 'इन वीडियो और ऑडियो से तीसरे पक्ष को लाभ हो रहा है, जबकि मेरे व्यक्तित्व का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. यह न केवल झूठे प्रमोशन का उदाहरण है बल्कि मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला कार्य है.' 

कानूनी रूप से क्या कहा गया है

सिंगर की ओर से दायर याचिका में यह भी कहा गया है कि इस तरह की गतिविधियां कॉपीराइट एक्ट के तहत उनके नैतिक अधिकारों (Moral Rights) का उल्लंघन हैं. ये अधिकार किसी भी कलाकार को उसके क्रिएटिव वर्क और उसकी ईमानदारी की सुरक्षा प्रदान करते हैं. सानू ने मांग की है कि अदालत ऐसे सभी कंटेंट पर प्रतिबंधात्मक आदेश (restraining order) जारी करे ताकि उनकी आवाज़, नाम या पहचान का बिना अनुमति उपयोग रोका जा सके. 

दूसरे सेलेब्रिटीज़ भी हुए हैं पीड़ित

कुमार सानू से पहले भी कई नामी हस्तियां अपने व्यक्तित्व की सुरक्षा के लिए अदालत पहुंची हैं. इनमें ऐश्वर्या राय बच्चन, अभिषेक बच्चन, करण जौहर, नागार्जुन, सुनील शेट्टी और पत्रकार सुधीर चौधरी शामिल हैं. सभी को AI से बनाए गए फेक कंटेंट से परेशान होकर अंतरिम राहत (interim relief) मिली थी. इसके अलावा, बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी हाल ही में सिंगर आशा भोसले को उनकी सहमति के बिना AI-generated आवाज़ और तस्वीरों के उपयोग से संरक्षण दिया था. 

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