अब हो जाएं सावधान! छोटे बच्चों को न पिलाएं कच्चा दूध, जानें कारण
कच्चा दूध सेहत के लिए फायदेमंद होता है. खासतौर पर छोटे बच्चों को कच्चा दूध पिलाने की सलाह दी जाती है, लेकिन अब केरला के एक डॉक्टर ने बताया कि कच्चा दूध बच्चों में कई खतरनाक बीमारियां पैदा कर सकता है. इसके कारण दिमाग पर भी बुरा असर पड़ सकता है.;
दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन कच्चे और अन पैराइज्ड मिल्क पीने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. फेमस हेल्थ एक्सपर्ट "द लिवर डॉक" ने कच्चा दूध पीने से जुड़े हेल्थ प्रॉब्लम्स के बारे में बताया है. हाल ही में एक पोस्ट में केरल स्थित हेपेटोलॉजिस्ट ने एक सख्त चेतावनी जारी की, जिसमें बच्चों को कच्चा दूध पीने या देने के खिलाफ सलाह दी गई.
इसमें ई. कोली, साल्मोनेला और लिस्टेरिया जैसे हानिकारक बैक्टीरिया हो सकते हैं. साथ ही, उन्होंने पाश्चुराइजेशन के महत्व पर भी जोर दिया. यह भी बताया कि यह लोगों की अच्छी हेल्थ के लिए मार्केट में लाया गया था. 'कृपया कच्चा दूध न पिएं और न ही अपने बच्चों को पिलाएं.
यह सुनने में अच्छा लगता है यह नैचुरल है. एक्स पर लिखा है, ''कच्चे दूध में माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस, साल्मोनेला, ई. कोली, कैम्पिलोबैक्टर, स्टैफिलोकोकस ऑरियस, यर्सिनिया, ब्रुसेला, कॉक्सिएला और लिस्टेरिया जैसे खतरनाक बैक्टीरिया हो सकते हैं.
इंफेक्शन से हो सकती है मृत्यु
'' डॉक्टर ने आगे बताया कि इसमें मौजूद कई बैक्टीरिया इंफेक्शन आसानी से ठीक नहीं हो सकते है. ''ये कोई आम इंफेक्शन नहीं हैं. इनमें से कुछ आपके जीवन को बर्बाद कर सकते हैं (जैसे: लिस्टेरिया दिमाग पर हमला कर सकता है और आपके बच्चे को बार-बार दौरे दे सकता है) या आपको मार सकता है. गंभीर साल्मोनेला इंफेक्शन से दिल और दिमाग को झटका लग सकता है और यह सीमित समय में काम करना बंद कर सकता है.''
गौरतलब है कि कच्चा दूध गाय, भेड़, बकरी या अन्य जानवरों का दूध होता है, जिसे हानिकारक बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक कीटाणुओं को मारने के लिए पाश्चुरीकृत नहीं किया गया होता है.
इन लोगों के लिए हो सकता है खतरनाक
अपने ट्वीट में डॉक्टर ने न्यूयॉर्क स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ और फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा जारी किए गए स्टडी और सलाह भी दी, जिसमें लोगों को कच्चे दूध या कच्चे दूध से बने उत्पादों का सेवन न करने की सलाह दी गई है. एक डॉक्यूमेंट में FDA ने बताया कि कच्चे दूध में मौजूद कीटाणु कमज़ोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों (जैसे कि ट्रांसप्लांट के मरीज़ और HIV/AIDS, कैंसर और डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति), बच्चों, वृद्धों और गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकता है.
बैक्टीरिया को मारने के लिए कच्चे दूध को तुरंत उबालना चाहिए. डिज़ीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन हानिकारक पैथोजन्स को मारने के लिए
कच्चे दूध को कम से कम 30 सेकंड तक उबालने की सलाह देता है.