Bhool Bhulaiyaa 3 Review: सस्पेंस बढ़िया, लेकिन बाकी में फिल्म "भूल" ही गई!

सस्पेंस तो तगड़ा है, लेकिन कॉमेडी और हॉरर में 'फुस्स' निकली! भूल भुलैया 3 ने हमें बस यही सोचने पर मजबूर कर दिया, 'क्या हुआ?' फिल्म में मनजुलिका का रहस्य तो रोमांचित करता है, लेकिन मजेदार पंच और डरावने पल नदारद हैं.;

By :  अमन बिरेंद्र जायसवाल
Updated On : 5 Nov 2024 6:26 PM IST

भाई साहब, भूल भुलैया 3 देखने गए और ऐसा लगा कि डायरेक्टर साब ने कहा, "पब्लिक को सस्पेंस चाहिए? लो भर भर के सस्पेंस डाल दो!" कन्फ्यूज़न का ऐसा भूत सवार किया कि पूरी फिल्म में बस यही सोचते रह गए कि असली "मनजुलिका कौन?" मतलब सस्पेंस में तो ऐसा कन्फ्यूज़ किया है कि खुद को भी लगता है डायरेक्टर ने भी लास्ट सीन में सोचा होगा, "अरे, विलेन तो डिसाइड ही नहीं किया!"

अब भइया, फिल्म में हर जगह सस्पेंस है, लेकिन कॉमेडी का हाल पूछो मत. पंचलाइन ऐसे हैं कि आप हंसने का इंतजार करते रह जाएंगे. कॉमेडी का लेवल ऐसा है कि आपका दोस्त जो 3-4 दिन से सोया न हो, उसे भी हंसी न आए और बीच में गाने का भी जुगाड़ कर दिया, तो "अमी जे तोमार" गाने में बस यही लगा कि डायरेक्टर ने कहा होगा, "लाओ, कुछ पुराना डालते हैं, शायद लोग इमोशनल हो जाएं."


कहानी का पेस?

अरे भैया, रजाई लेकर सो जाओ, बीच में शायद उठने का मन भी न करे. जब फिल्म में तगड़े डायलॉग्स की जरूरत होती है, वहां कुछ ऐसा मिल जाता है कि मन करे कि थिएटर छोड़कर ही निकल जाओ. राजपाल यादव और संजय मिश्रा जैसे एक्टर भी फिल्म में हैं, लेकिन इतने अच्छे एक्टर के साथ ऐसा डायलॉग दिया है कि उन्हें भी समझ नहीं आया होगा कि वो कर क्या रहे हैं.

क्लाइमेक्स

अब भइया, क्लाइमेक्स का सस्पेंस अच्छा है, लेकिन इसके लिए पूरी फिल्म बैठकर देखना... भाईसाहब, "कंटाप" पड़ सकता है. लेकिन हां, अगर किसी दिन आपको सस्पेंस के लिए फिल्म देखनी है और कॉमेडी और डर का ज्यादा लोड नहीं है, तो ये आपके लिए हो सकती है.

तो कुल मिलाकर, अगर आप सस्पेंस के भूखे हैं, "मनजुलिका कौन" में उलझने का इरादा है, और बाकी सब इग्नोर कर सकते हैं, तो ये फिल्म देख सकते हैं. नहीं तो, "घर की मुर्गी, दाल बराबर" वाली फिलिंग के लिए तैयार रहिए!

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