8 साल बाद खुला सोने का खजाना, निवेशकों को मिला 340% तक रिटर्न; RBI ने जारी किया बयान
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सोमवार 4 दिसंबर 2025 को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) 2017-18 सीरीज़-X के अंतिम मोचन की घोषणा कर दी है. RBI ने कहा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना पर भारत सरकार की अधिसूचना F.No.4(25)-(W&M)/2017 दिनांक 06 अक्टूबर, 2017 (SGB 2017-18 सीरीज़-X-निर्गम तिथि 04 दिसंबर, 2017) के अनुसार, गोल्ड बॉन्ड जारी होने की तारीख से आठ साल की समाप्ति पर चुकाया जाएगा.;
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार 4 दिसंबर 2025 को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) 2017-18 सीरीज़-X के अंतिम मोचन की घोषणा कर दी है. आठ साल पहले कम कीमत पर जारी किए गए इन बांडों ने निवेशकों को बेहिसाब मुनाफा दिया है. आज तय मोचन मूल्य 12,820 रुपये प्रति यूनिट न केवल रिकॉर्ड स्तर पर है, बल्कि यह निर्गम मूल्य की तुलना में कई गुना अधिक है.
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2017 में जारी इस किस्त का मूल निर्गम मूल्य 2,961 रुपये प्रति यूनिट था, जबकि ऑनलाइन भुगतान पर निवेशकों को 50 रुपये की छूट भी दी गई थी. इसके बाद वास्तविक निवेश मूल्य 2,911 रुपये रहा था. इस आधार पर निवेशकों को 340.39% तक का शानदार रिटर्न मिला है. इसमें आठ वर्षों तक मिलने वाला 2.5% वार्षिक ब्याज शामिल नहीं है, जो इस लाभ को और अधिक बढ़ा देता है.
RBI ने जारी किया आधिकारिक बयान
आरबीआई ने 3 दिसंबर को जारी अपने आधिकारिक नोट में कहा "सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना पर भारत सरकार की अधिसूचना F.No.4(25)-(W&M)/2017 दिनांक 06 अक्टूबर, 2017 (SGB 2017-18 सीरीज़-X-निर्गम तिथि 04 दिसंबर, 2017) के अनुसार, गोल्ड बॉन्ड जारी होने की तारीख से आठ साल की समाप्ति पर चुकाया जाएगा. जिसके अनुसार, उपरोक्त किश्त की अंतिम मोचन तिथि 04 दिसंबर, 2025 होगी."
क्यों मिला इतना ऊंचा रिटर्न?
पिछले आठ सालों में सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हुई और भू-राजनीतिक तनाव, महंगाई, आर्थिक मंदी तथा वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण सोना सुरक्षित निवेश साधन के रूप में स्थापित रहा. यही कारण है कि SGB का मूल्य निर्गम कीमत की तुलना में कई गुना बढ़ चुका है.
SGB में ब्याज और कर नियमों का लाभ
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड न केवल पूंजी वृद्धि देता है, बल्कि यह निश्चित 2.5% वार्षिक ब्याज दर भी प्रदान करता है, जो अर्ध-वार्षिक रूप से निवेशकों के बैंक खाते में जमा होता है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना क्या है?
भारत सरकार ने नवंबर 2015 में SGB योजना शुरू की थी ताकि देश में भौतिक सोने की मांग कम हो, जमाखोरी पर रोक लगे और घरेलू बचत को वित्तीय बाजारों में लाया जा सके. आरबीआई इन बॉन्डों को सरकार की ओर से जारी करता है। ये ग्रामों में मूल्यवर्गित होते हैं और निवेशक को दोहरी कमाई मिलती है
क्यों बंद कर दी गई थी SGB की नई सीरीज?
अक्टूबर 2023 में सरकार ने SGB की नई किस्तें जारी करना बंद कर दिया था, क्योंकि योजना ने अपने प्रारंभिक लक्ष्य हासिल कर लिए, SGB के प्रबंधन और सर्विसिंग की लागत बढ़ गई और गोल्ड ETF और डिजिटल गोल्ड जैसे विकल्प उपलब्ध हो गए थे. हालांकि, पहले से जारी सभी बांड पूरी तरह वैध हैं और निवेशक चाहें तो इन्हें परिपक्वता तक रख सकते हैं या पांच साल बाद समयपूर्व मोचन कर सकते हैं.