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NASA के 2000 से ज्‍यादा कर्मचारियों को क्‍यों निकालना चाहते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप?

अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA में 2145 वरिष्ठ कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी शुरू हो गई है. ट्रंप प्रशासन की बजट कटौती योजना के तहत वैज्ञानिक, टेक्निकल और मैनेजमेंट स्टाफ को बायआउट, रिटायरमेंट या इस्तीफे का विकल्प दिया गया है. NASA के इतिहास में यह सबसे बड़ा स्ट्रक्चरल झटका माना जा रहा है, जिससे उसके मिशनों पर गहरा असर पड़ सकता है.

NASA के 2000 से ज्‍यादा कर्मचारियों को क्‍यों निकालना चाहते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप?
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( Image Source:  X/NASA, ANI )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 10 July 2025 12:56 PM

अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA एक बड़े झटके से गुजर रही है. पॉलिटिको की रिपोर्ट के अनुसार, एजेंसी अपने 2145 वरिष्ठ कर्मचारियों की छंटनी की योजना बना रही है. ये कदम 2026 के लिए प्रस्तावित बजट में कटौती के बाद उठाया जा रहा है, जिसमें NASA के कुल बजट में 25% की कमी और करीब 5,000 कर्मचारियों की संख्या में कटौती का प्रस्ताव रखा गया है. अगर यह प्रस्ताव पास हो गया, तो यह 1960 के दशक के बाद NASA को मिलने वाला सबसे छोटा बजट होगा.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद NASA और अमेरिकी अंतरिक्ष नीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. ट्रंप के नए बजट प्रस्ताव और पुनर्गठन नीति के तहत वैज्ञानिक अभियानों, मानव स्पेस मिशन और तकनीकी क्षेत्रों में काम कर रहे विशेषज्ञ कर्मचारियों की संख्या घटाई जा रही है. जनवरी 2025 में ट्रंप के फिर से व्हाइट हाउस में लौटने के बाद से ही NASA की नीतियों पर असर साफ देखा जा रहा है.

छंटनी की जद में वरिष्ठ वैज्ञानिक और मैनेजमेंट स्टाफ

NASA की छंटनी योजना में जो कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं, वे मुख्यतः GS-13 से GS-15 ग्रेड के अनुभवी वैज्ञानिक और प्रबंधन पदों पर हैं. इनमें से 1,818 कर्मचारी विज्ञान और मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशनों से जुड़े थे, जबकि बाकी तकनीकी और प्रशासनिक क्षेत्रों में थे. यह छंटनी अमेरिकी अंतरिक्ष वैज्ञानिक ढांचे को कमजोर करने वाला कदम माना जा रहा है.

दिए गए तीन ऑप्शन

NASA ने प्रभावित कर्मचारियों को तीन विकल्प दिए हैं- स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (early retirement), बायआउट पैकेज और स्थगित इस्तीफा (deferred resignation). हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल एजेंसी की कार्यक्षमता को प्रभावित करेगा बल्कि अमेरिका की अंतरिक्ष वैज्ञानिक ताकत पर भी गहरा असर डालेगा.

क्या कह रहे एक्सपर्ट?

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में नासा में प्रस्तावित छंटनी महज बजट कटौती नहीं, बल्कि एक व्यापक राजनीतिक और रणनीतिक बदलाव का हिस्सा मानी जा रही है. रक्षा और विज्ञान नीति विशेषज्ञों के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन की प्राथमिकता उन मिशनों पर खर्च कम करना है जो उनके एजेंडे से मेल नहीं खाते, खासकर जलवायु परिवर्तन, विज्ञान अनुसंधान और बहुपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग जैसी परियोजनाएं. इसके बदले ट्रंप सैन्यीकृत अंतरिक्ष नीतियों और निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों को प्राथमिकता देना चाहते हैं, जिसमें स्पेस फोर्स और व्यावसायिक लॉन्च ऑपरेटरों को बढ़ावा शामिल है. ऐसे में वैज्ञानिक और प्रशासनिक अनुभवी कर्मचारियों की छंटनी, नासा की स्वतंत्र और शोध-प्रधान कार्यशैली को प्रभावित कर सकती है, जो अमेरिका की वैश्विक नेतृत्व भूमिका के लिए खतरा बन सकती है.

नेतृत्व विवाद ने भी बिगाड़ा माहौल

ट्रंप प्रशासन ने NASA प्रमुख के पद के लिए पहले जारेड आइजैकमैन का नाम आगे बढ़ाया था, जो एलन मस्क के करीबी माने जाते हैं. लेकिन ट्रंप और मस्क के बीच हाल ही में हुई खटास के बाद यह नामांकन वापस ले लिया गया और परिवहन सचिव सीन डफी को अंतरिम प्रशासक नियुक्त कर दिया गया. यह घटनाक्रम मस्क और ट्रंप के रिश्तों में आई दूरी को दर्शाता है.

अंतरिक्ष क्षेत्र पर राजनीतिक असर गहराया

NASA की छंटनी सिर्फ एक प्रशासनिक फैसला नहीं, बल्कि इसके पीछे अंतरिक्ष नीति और राजनीतिक प्राथमिकताओं में हो रहा बदलाव छिपा है. ट्रंप की वापसी के बाद अमेरिका के वैज्ञानिक कार्यक्रमों की दिशा बदलती नजर आ रही है. विशेषज्ञों को डर है कि अगर यह रुझान जारी रहा तो न सिर्फ दर्जनों विज्ञान कार्यक्रम बंद होंगे, बल्कि अमेरिका की अंतरिक्ष नेतृत्व की वैश्विक स्थिति भी कमजोर पड़ सकती है.

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