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शेख हसन नसरल्लाह जिंदा है! कौन है हिज्बुल्लाह चीफ? आतंकी संगठन को करता है लीड

खबर सामने आई थी कि हिजबुल्लाह चीफ शेख हसन नसरल्लाह हमले में मारा गया है. लेकिन उसकी मौत की पुष्टि ना तो इजरायल ने की और न ही लेबनान की ओर से की गई है. इस बीच एक्सियोस ने एक इजरायली स्त्रोत के हवाले से बताया कि ये हमला हसन को निशाना बनाकर किया गया था. वहीं रॉयटर्स को हिजबुल्लाह के करीबी सूत्रों ने बताया कि उनका नेता हसन नसरल्लाह अभी जिंदा है.

शेख हसन नसरल्लाह जिंदा है! कौन है हिज्बुल्लाह चीफ? आतंकी संगठन को करता है लीड
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Credit- @SawtAlMaghreb X Account
निशा श्रीवास्तव
By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 28 Sept 2024 8:27 AM IST

Who Is Sheikh Hassan Nasrallah: इजरायल लेबनान स्थित हिजबुल्लाह के ठिकानों पर लगातार हमला कर दिया. हाल में उसने लेबनान की राजधानी बेरूत पर एक और बड़ा अटैक किया. इस बार इजरायल ने आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के मुख्यालय को अपना निशाना बनाया है. इस हमले में 6 इमारतों पर अटैक किया गया.

हमले के बाद खबर सामने आई थी कि हिजबुल्लाह चीफ शेख हसन नसरल्लाह हमले में मारा गया है. लेकिन उसकी मौत की पुष्टि ना तो इजरायल ने की और न ही लेबनान की ओर से की गई है. इस बीच एक्सियोस ने एक इजरायली स्त्रोत के हवाले से बताया कि ये हमला हसन को निशाना बनाकर किया गया था. वहीं रॉयटर्स को हिजबुल्लाह के करीबी सूत्रों ने बताया कि उनका नेता हसन नसरल्लाह अभी जिंदा है.

कौन है शेख हसन नसरल्लाह?

शेख हसन नसरल्लाह आतंकी संगठन हिजबुल्लाह का प्रमुख है. वह लेबनान के शिया इस्लामवादी हिज़्बुल्लाह आंदोलन के मध्य पूर्व के सबसे प्रमुख और प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक हैं. उसका जन्म वर्ष 1960 में बेरूत के बुर्ज हम्मौद इलाके में हुआ. 1975 में लेबनान में गृहयुद्ध छिड़ने के बाद, नसरल्लाह शिया मिलिशिया अमल में शामिल हो गए. फिर उसने इराके के नजफ़ शहर में कुछ समय तक पढ़ाई की और लेबनान लौट आकर अमल में फिर से शामिल हो गया. 1982 में, वे और कई अन्य लोग समूह से अलग हो गए, लेबनान पर इज़राइल के आक्रमण के तुरंत बाद, जो फिलिस्तीनी उग्रवादियों के हमलों के जवाब में था.

नए समूह, इस्लामिक अमल को ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स से पर्याप्त समर्थन मिला और हिज़्बुल्लाह बन गया. इसके बाद 1985 में, हिज़्बुल्लाह ने आधिकारिक तौर पर एक घोषणापत्र बनाया और जारी किया जिसमें अमेरिका और सोवियत संघ को इस्लाम का मुख्य दुश्मन बताया गया और इज़राइल के विनाश का आह्वान किया गया.

हिजबुल्लाह का परिवर्तन

हसन नसरल्लाह के नेतृत्व में हिजबुल्लाह ने फिलिस्तीनी समूह हमास के लड़ाकों के साथ-साथ इराक और यमन में मिलिशिया को ट्रेनिंग दी और इज़राइल के खिलाफ इस्तेमाल के लिए ईरान से मिसाइल और रॉकेट प्राप्त किए हैं. नसरल्लाह ने लेबनान में इजराइली कब्जे का मुकाबला करने के लिए गठित मिलिशिया से हिजबुल्लाह के परिवर्तन को लेबनानी सेना से अधिक शक्तिशाली सैन्य बल, लेबनान में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक शक्ति और स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सेवाओं का एक प्रमुख प्रदाता बनने में मार्गदर्शन किया है. यह समूह क्षेत्रीय प्रभाव डालने के ईरान के प्रयासों का केंद्र रहा है.

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