'हमें भारत समेत कई देशों को ठीक करना होगा', ट्रंप के मंत्री की खुली धमकी; लुटनिक ने उगला ज़हर
अमेरिका के साथ चल रही व्यापार वार्ताओं के बीच भारत को एक बार फिर ट्रंप प्रशासन की ओर से सख्त संदेश मिला है. अमेरिका के वाणिज्य सचिव और ट्रंप प्रशासन के प्रभावशाली सहयोगी हॉवर्ड लटनिक ने भारत को चेतावनी दी है कि यदि वह अमेरिकी उपभोक्ताओं को अपना सामान बेचना चाहता है, तो उसे 'राष्ट्रपति के साथ खेलना होगा.'

अमेरिका के साथ चल रही व्यापार वार्ताओं के बीच भारत को एक बार फिर ट्रंप प्रशासन की ओर से सख्त संदेश मिला है. अमेरिका के वाणिज्य सचिव और ट्रंप प्रशासन के प्रभावशाली सहयोगी हॉवर्ड लटनिक ने भारत को चेतावनी दी है कि यदि वह अमेरिकी उपभोक्ताओं को अपना सामान बेचना चाहता है, तो उसे 'राष्ट्रपति के साथ खेलना होगा.'
लटनिक ने भारत और ब्राज़ील को अमेरिका के खिलाफ कार्यवाहियों के लिए आड़े हाथों लिया और कहा कि इन देशों को अपने बाजारों को खोलना होगा और अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचाना बंद करना होगा. उन्होंने भारत पर विशेष रूप से तीखा प्रहार किया, जबकि अमेरिका के साथ कई unresolved ट्रेड डील्स पर भी संकेत दिया.
भारत, ब्राज़ील और स्विट्ज़रलैंड को 'ठीक करने' की ज़रूरत: लटनिक
हॉवर्ड लटनिक ने न्यूज़नेशन को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि 'हमारे पास बहुत से देश हैं जिन्हें ठीक करना है, जैसे स्विट्ज़रलैंड, ब्राज़ील, भारत ये ऐसे देश हैं जिन्हें अमेरिका के प्रति सही प्रतिक्रिया देनी चाहिए. अपने बाजार खोलें, और अमेरिका को नुकसान पहुंचाने वाली कार्रवाइयाँ बंद करें, यही वजह है कि हम इनके साथ अभी असहमति में हैं.
भारतीय दवाओं पर 100% शुल्क, व्यापारियों की चिंता बढ़ी
भारत इस समय अमेरिका के कुछ सबसे ऊंचे टैरिफ का सामना कर रहा है. कुछ उत्पादों पर जहां 50% शुल्क लगाया गया है, वहीं हाल ही में ब्रांडेड और पेटेंटेड फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट्स पर 100% ड्यूटी लगा दी गई है। गौरतलब है कि भारतीय दवा कंपनियों की कुल कमाई का लगभग 40% हिस्सा अमेरिकी बाजार से आता है. लटनिक ने दो टूक कहा कि 'इन देशों (भारत और ब्राज़ील) को समझना होगा कि अगर आप अमेरिकी उपभोक्ताओं को सामान बेचना चाहते हैं, तो आपको अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ खेलना होगा.
भारत पर अतिरिक्त 25% पेनल्टी रूस से तेल खरीदने पर
भारतीय आयातों पर 50% टैरिफ में से 25% अतिरिक्त पेनल्टी के रूप में लगाई गई है, जिसका कारण भारत द्वारा रूस से तेल की खरीद बताया गया है। यह अमेरिका की विदेश नीति के तहत लगाए गए प्रतिबंधों का ही एक हिस्सा माना जा रहा है. ट्रंप का पहला सौदा ही सबसे बेहतर होता है, लटनिक ने ट्रंप की सौदेबाज़ी की रणनीति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप जिस तरह से सौदे करते हैं, उनका पहला सौदा हमेशा सबसे बेहतर होता है. फिर अगला सौदा महंगा होता है, उसके बाद का और महंगा, और फिर उससे भी ज़्यादा, यह साफ संकेत है कि यदि भारत जल्द ही अमेरिका की शर्तों को स्वीकार नहीं करता, तो भविष्य में उसे और भी कठिन व्यापार शर्तों का सामना करना पड़ सकता है।
"भारत और ब्राज़ील बड़े मसले हैं, इन्हें वक्त लगेगा"
लटनिक ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत और ब्राज़ील अमेरिका के लिए "बड़े मसले" हैं और इन पर जल्द ही बातचीत को आगे बढ़ाया जाएगा. अब भी ताइवान बचा हुआ है। वो बड़ा मुद्दा है जो जल्द आने वाला है. हम उनसे बातचीत करेंगे और चीज़ों को सुलझाएंगे. कई देश बाकी हैं, लेकिन सबसे बड़े भारत और ब्राज़ील हैं… ये छोटे हैं, पर वक्त के साथ सुलझ जाएंगे.
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में प्रगति का दावा
इन सबके बीच भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ताएं फिर से शुरू हुई हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 22 से 24 सितंबर तक वाशिंगटन का दौरा किया और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि एम्बेसडर जैमीसन ग्रीर और भारत के लिए नामित अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर से मुलाकात की।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया
"प्रतिनिधिमंडल की अमेरिका सरकार के साथ विभिन्न मुद्दों पर रचनात्मक बैठकें हुईं। दोनों पक्षों ने संभावित समझौते की रूपरेखा पर चर्चा की और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को शीघ्र अंतिम रूप देने के लिए संवाद जारी रखने का निर्णय लिया गया. भारतीय अधिकारियों ने अमेरिका की कई कंपनियों और निवेशकों से भी मुलाकात की। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि भारत की विकास गाथा में विदेशी निवेशकों की रुचि बनी हुई है और वे देश में अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए आशान्वित हैं.