यूक्रेन के परमाणु रिएक्टर पर कामिकाजी ड्रोन से हमला, जेलेंस्की के दावे को रूस ने किया ख़ारिज
रूस ने यूक्रेन के एक परमाणु रिएक्टर पर कामिकाजी ड्रोन से हमला किया है. यह हमला क्षेत्र में तनाव बढ़ा सकता है और सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर सकता है. यूक्रेन ने इस हमले की निंदा की है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की है. इस घटना के बाद यूरोप में परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा को लेकर नए सिरे से चर्चा शुरू हो सकती है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने दावा किया है कि रूस ने चेर्नोबिल परमाणु रिएक्टर पर कामिकाजी ड्रोन से हमला किया है. यूक्रेन का कहना है कि यह ड्रोन परमाणु प्लांट के सुरक्षा कवच पर गिरा, लेकिन रेडिएशन स्तर अब भी सामान्य बना हुआ है. इस हमले ने सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं, क्योंकि चेर्नोबिल पहले ही एक बड़ा परमाणु हादसा झेल चुका है. जेलेंस्की के इस दावे को रूस ख़ारिज कर दिया है.
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस हमले को आतंकी कार्रवाई करार दिया और परमाणु स्थलों को निशाना बनाने को बेहद खतरनाक बताया. हालांकि, यूक्रेनी फायर सेफ्टी अधिकारियों ने पुष्टि की है कि आग पर काबू पा लिया गया है. इस घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय से रूस की निंदा करने और सख्त कदम उठाने की मांग की जा रही है.
जेलेंस्की ने जारी किया वीडियो
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक्स पर वीडियो जारी कर लिखा कि कल रात, एक रूसी ड्रोन ने चोर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र के क्षतिग्रस्त चौथे रिएक्टर पर हमला किया. इस रिएक्टर को ढकने वाले सुरक्षा आश्रय को दुनिया को विकिरण से बचाने के लिए बनाया गया था. हमले में यह आश्रय क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन आग पर काबू पा लिया गया है. फिलहाल विकिरण स्तर सामान्य बना हुआ है, और इसकी लगातार निगरानी की जा रही है.
अमेरिका के सहयोग से बनाया गया था
जेलेंस्की ने लिखा कि यह सुरक्षा आश्रय यूक्रेन, अमेरिका और यूरोप के अन्य देशों के सहयोग से बनाया गया था. रूस दुनिया का एकमात्र देश है जो परमाणु संयंत्रों पर हमले कर रहा है और गंभीर परिणामों की परवाह किए बिना युद्ध छेड़ रहा है. यह पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है.
शांति वार्ता के लिए तैयार नहीं पुतिन
जेलेंस्की ने लिखा कि रूस हर रात यूक्रेन के बुनियादी ढांचे और शहरों पर हमले कर रहा है. उसकी सेना का विस्तार जारी है, और वह अब भी आक्रामक रवैया अपनाए हुए है. इसका मतलब है कि पुतिन शांति वार्ता के लिए तैयार नहीं हैं, बल्कि दुनिया को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए, सभी शांति और मानवता में विश्वास रखने वाले देशों को एकजुट होकर रूस पर दबाव बनाना चाहिए. उसे अपने हमलों और आक्रामक नीतियों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना जरूरी है ताकि ऐसे हमले दोबारा न हों और दुनिया में शांति बनी रहे.