अमेरिका पहुंचे पीएम मोदी, तुलसी गबार्ड से की मुलाकात, ट्रम्प के साथ बातचीत क्यों है खास | 10 POINTS
PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा को दोनों देशों के बीच मजबूत होते संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है. मोदी वाशिंगटन डीसी के ज्वाइंट बेस एंड्रयूज पहुंचे. फ्रांस के बाद यह उनकी दूसरी यात्रा है.

PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय अमेरिकी दौरे पर वॉशिंगटन डीसी पहुंच गए हैं, जहां वह प्रेसिडेंट के गेस्ट हाउस ब्लेयर हाउस पहुंचे. इस दौरान उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की. पीएम मोदी का ये अमेरिकी दौरा दो दिनों का है. प्रधानमंत्री के तौर पर यह पीएम मोदी की 10वीं और राष्ट्रपति के तौर पर ट्रम्प के साथ चौथी अमेरिका यात्रा है.
वाशिंगटन पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड से भी मुलाकात की. पीएम मोदी का आज रात व्हाइट हाउस में भव्य स्वागत किया जाएगा. यहां वह प्रेसिडेंट ट्रम्प के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जहां कई समझौते होने की उम्मीद है.
पीएम मोदी और प्रेसिडेंट ट्रम्प की बातचीत क्यों है खास?
- मोदी और ट्रम्प के बीच व्यक्तिगत तालमेल पहले भी दोनों देशों के लिए फायदेमंद रहा है, जिसकी उम्मीद इस बार भी जताई जा रही है.
- दोनों नेताओं ने चीन और कट्टरपंथी इस्लाम को मानव अस्तित्व के लिए खतरा माना है और दोनों ही अपनी मजबूत नेतृत्व और आर्थिक राष्ट्रवाद के लिए जाने जाते हैं.
- इसकी शुरुआत पीएम मोदी की सितंबर 2019 में ह्यूस्टन में हाउडी मोदी इवेंट में हुई यात्रा और उसके बाद ट्रम्प की फरवरी 2020 में अहमदाबाद यात्रा से हुई थी.
- ट्रम्प के साथ द्विपक्षीय वार्ता में कई अहम मुद्दों पर बातचीत हो सकती है. यहां निर्वासित भारतीयों के साथ मानवीय व्यवहार को लेकर भी चर्चा की उम्मीद है. अभी हाल में ही 104 भारतीय डिपोर्ट किए गए थे, जिनके साथ किए गए व्यवहार को लेकर भारत ने आपत्ति जताई थी.
- ट्रम्प नेर भारत को 'टैरिफ किंग' और टैरिफ का दुरुपयोग करने वाला बताया है. भारत ने मोदी की यात्रा से पहले ही हाई-एंड मोटरसाइकिलों और इलेक्ट्रिक बैटरियों पर शुल्क घटा दिया है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पीएम मोदी की इस यात्रा से भारत पर टैरिफ का संभावित खतरा टल सकता है.
- दोनों नेताओं के बीच रक्षा उपकरणों पर खर्च बढ़ाने पर भी चर्चा होने की उम्मीद है और संभावित तौर पर नए सौदों की घोषणा भी की जा सकती है.
- अमेरिका के साथ अपने संबंधों में भारत एक अद्वितीय स्थान रखता है, जिसे न तो कोई महत्वपूर्ण खतरा माना जाता है और न ही पारंपरिक सहयोगी माना जाता है. वहीं चीन को अमेरिका एक प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखता है.
- इसका फायदा भारत को अक्सर मिलता रहा है. इस बार उम्मीद की जा सकती है कि द्विपक्षीय वार्ता में कुछ ऐसी घोषणाएं हो सकती है, जो एशिया में भारत को और मजबूत बना सकता है. इसमें भारत-प्रशांत क्षेत्र पर भी बात हो सकती है.
द्विपक्षीय वार्ता के एजेंडे में निवेश, ऊर्जा, रक्षा, टैक्नोलॉजी और इमिग्रेशन से संबंधित मामले भी शामिल होंगे.
- कई भारत के मोस्ट वांटेड और गैंगस्टर ने अमेरिका में शरण ले ली है, जिसे वापस भारत लाने के लिए भी पीएम मोदी ट्रम्प से बातचीत कर सकते हैं. इसके अलावा इस बातचीत में आतंकवाद भी एक अहम मुद्दा रहेगा.