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भारत- रूस की बढ़ती दोस्ती से ट्रंप का टेम्परेचर हाई! अगले 24 घंटे में US बढ़ाएगा और टैरिफ- अभी नहीं भरा 'पेट'?

भारत और रूस की बढ़ती नजदीकियों ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चिंता बढ़ा दी है. ट्रंप ने इशारा किया है कि अगर भारत रूस से व्यापार और रक्षा सहयोग बढ़ाता रहा, तो अमेरिका अगले 24 घंटे में भारत पर टैरिफ बढ़ा सकता है. यह बयान ऐसे समय आया है जब रूस-भारत के बीच तेल और रक्षा सौदों की रफ्तार तेज़ हो गई है.

भारत- रूस की बढ़ती दोस्ती से ट्रंप का टेम्परेचर हाई! अगले 24 घंटे में US बढ़ाएगा और टैरिफ- अभी नहीं भरा पेट?
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 5 Aug 2025 8:58 PM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार को लेकर एक बार फिर तीखा रुख अपनाया है. बीते कुछ दिनों से भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते में दरार आ रही है और इसकी वजह है ट्रंप का दोगलापन की आखिर पहले वह भारत को मित्र बताते हैं फिर टैक्स भी लगाते और चाहते हैं भारत हम जो कहें तो करें तो इस बीच अब मंगलवार को ट्रंप ने चेतावनी दी कि वह अगले 24 घंटों में भारत से आयातित वस्तुओं पर 'बहुत अधिक' शुल्क बढ़ाएंगे. इस फैसले के पीछे उन्होंने भारत द्वारा रूस से तेल खरीद जारी रखने को कारण बताया है. इससे एक दिन पहले उन्होंने ‘ट्रुथ सोशल’ पर एलान किया था कि भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा.

ट्रंप ने CNBC के 'स्क्वॉक बॉक्स' शो में कहा कि भारत 'दुनिया का सबसे ऊंचा टैरिफ लगाने वाला देश है' और अमेरिका के साथ व्यापार असमान है. उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार तो करता है, लेकिन अमेरिका को व्यापार का उचित लाभ नहीं देता.

भारत पर टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'भारत के बारे में लोग यह कहना पसंद नहीं करते कि वे सबसे अधिक टैरिफ़ वाला देश हैं। उनका टैरिफ़ सबसे ज़्यादा है। हम भारत के साथ बहुत कम व्यापार करते हैं क्योंकि उनके टैरिफ़ बहुत ज़्यादा हैं. उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत एक अच्छा व्यापारिक साझेदार नहीं रहा है, क्योंकि वे हमारे साथ काफ़ी व्यापार करते हैं, लेकिन हम उनके साथ व्यापार नहीं करते. इसलिए हमने 25 प्रतिशत (शुल्क) पर समझौता किया, लेकिन मुझे लगता है कि मैं अगले 24 घंटों में इसे काफ़ी बढ़ा दूंगा, क्योंकि वे रूसी तेल ख़रीद रहे हैं. वे युद्ध मशीन को ईंधन दे रहे हैं.' ट्रंप का मानना है कि रूस से तेल खरीदने वाले देशों को भी अब दंडात्मक कार्रवाई झेलनी होगी.

भारत-अमेरिका व्यापारिक आंकड़े

2024 में भारत और अमेरिका के बीच कुल व्यापार 129.2 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया. इसमें अमेरिका से भारत को निर्यात 3.4% बढ़कर 41.8 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि भारत से अमेरिका को आयात 4.5% बढ़कर 87.4 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया. इस व्यापार असंतुलन के चलते अमेरिका का व्यापार घाटा 45.7 बिलियन डॉलर रहा.

भारत का जवाब और स्थिति स्पष्ट

भारत सरकार ने अमेरिका और यूरोपीय संघ की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि भारत की ऊर्जा आयात "वैश्विक बाजार की स्थिति से उत्पन्न आवश्यकता" है. विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, जिन देशों को भारत के तेल आयात पर आपत्ति है, वे स्वयं भी रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं, जब यह उनके लिए कोई अनिवार्यता भी नहीं है.'

रूस से भारत का कच्चा तेल आयात घटा

जनवरी से जून 2025 के बीच भारत ने प्रतिदिन लगभग 1.75 मिलियन बैरल रूसी कच्चा तेल आयात किया. लेकिन जुलाई में यह संख्या घटकर 1.6 मिलियन बैरल प्रतिदिन रह गई, जो जून की तुलना में 24% और पिछले वर्ष जुलाई की तुलना में 23.5% कम है। रूसी तेल का भारत के कुल तेल आयात में हिस्सा भी 44.5% से घटकर 33.8% रह गया.

रूस पर भी कार्रवाई की चेतावनी

ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर रूस यूक्रेन में युद्ध रोकने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाता है, तो शुक्रवार से रूस और उसके साथ व्यापार करने वाले देशों पर और कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे. अगर ऊर्जा की कीमतें काफी कम हो जाती हैं, तो पुतिन लोगों की हत्याएं बंद कर देंगे. ट्रंप ने कहा कि 'अगर ऊर्जा की कीमतें और 10 डॉलर प्रति बैरल कम हो जाती हैं, तो उनके पास कोई विकल्प नहीं बचेगा क्योंकि उनकी अर्थव्यवस्था ख़राब है.

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