इमरान खान जिंदा हैं या मर गए... पाकिस्तान में बवाल, इस्लामाबाद–रावलपिंडी में धारा 144; पूर्व मंत्री बोला- भारत को क्यों है दिलचस्पी?
पाकिस्तान में इमरान खान की स्थिति को लेकर बड़ा राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है. तीन हफ्तों से परिवार और वकीलों को मुलाकात नहीं मिली, जिसके बाद PTI ने “प्रूफ ऑफ लाइफ” की मांग उठाई. रावलपिंडी और इस्लामाबाद में धारा 144 लगाकर कर्फ्यू जैसे हालात बना दिए गए हैं. अफगानिस्तान के विवादित दावों ने तनाव और बढ़ा दिया है. अदियाला जेल के बाहर PTI समर्थक लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे पाकिस्तान का राजनीतिक माहौल उबल रहा है.
पाकिस्तान इस समय एक ऐसे सवाल से हिल गया है, जिसने राजनीतिक तापमान को उबाल पर ला दिया है, “इमरान खान जिंदा हैं, सुरक्षित हैं, या उनके साथ कुछ हो चुका है?” यह सवाल सिर्फ सोशल मीडिया पर ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान की सड़कों, अदालतों, जेलों और शक्ति केंद्रों में बारूद की तरह फैल चुका है. अफगानिस्तान के दावों और PTI की चेतावनियों ने पूरे मुद्दे को और विस्फोटक बना दिया है.
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 16 महीनों से जेल में रखा गया है, लेकिन पिछले तीन हफ्तों से न परिवार, न वकील, न ही पार्टी उन्हें देख पाई है. “प्रूफ ऑफ लाइफ” की मांग अब एक जनआंदोलन में बदल चुकी है. इस अनिश्चितता ने लोगों के मन में यह डर पैदा कर दिया है कि कहीं पाकिस्तान की राजनीति की सबसे बड़ी कड़ी इमरान खान के बारे में जनता को कुछ छुपाया तो नहीं जा रहा.
परिवार और PTI में गहरा संदेह
इमरान खान के बेटों कासिम और सुलेमान ने कहा है कि तीन हफ्तों से उन्हें अपने पिता की कोई झलक तक नहीं मिली. PTI नेताओं का आरोप है कि सरकार “जानबूझकर” मुलाकात रोक रही है और इमरान को “आइसोलेशन” में रखा गया है. इमरान की बहन अलीमा खान ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
स्टेट मिरर अब WhatsApp पर भी, सब्सक्राइब करने के लिए क्लिक करें
अदियाला जेल के बाहर रातभर धरना
इमरान की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर भारी तनाव के बीच PTI के समर्थक अदियाला जेल के बाहर रातभर डटे रहे. युवा कार्यकर्ताओं से लेकर सांसदों तक सभी ने एक ही मांग उठाई: “इमरान खान को सामने लाओ!” पुलिस और प्रशासन ने कई जगह बैरिकेड्स और चेकपोस्ट लगाकर भीड़ को रोकने की कोशिश की.
इस्लामाबाद–रावलपिंडी में धारा 144 लागू
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी इस्लामाबाद और रावलपिंडी में दो महीने तक धारा 144 लागू कर दी गई है. इसका मतलब है कि पांच या उससे अधिक लोगों का एकसाथ जमा होना पूरी तरह प्रतिबंधित है. सरकार का तर्क है कि यह “कानून-व्यवस्था बनाए रखने” के लिए जरूरी है, जबकि PTI इसे “राजनीतिक दमन” बता रही है.
अफगानिस्तान के दावे ने आग में डाला घी
अफगानिस्तान की ओर से आए अजीबोगरीब दावे कि इमरान खान की हत्या हो चुकी है ने पूरे मामले को एक अंतरराष्ट्रीय विवाद में बदल दिया. हालांकि पाकिस्तान सरकार ने इसे “बेवजह अफवाह” कहा, लेकिन लोगों की चिंता और गुस्सा इससे और बढ़ गया.
भारत इतनी दिलचस्पी क्यों ले रहा?
पूर्व मंत्री और IPP प्रवक्ता फैयाज़ उल हसन चौहान ने कहा कि इमरान को लेकर “हाइप बेवजह” है और मुलाकात हो जाएगी. लेकिन उनका यह बयान PTI समर्थकों के बीच गुस्से का कारण बना, क्योंकि उनका तर्क है, “अगर सब ठीक है, तो मुलाकात क्यों रोकी गई?”
जेल मैनुअल के नाम पर मनमानी
इमरान खान पर भ्रष्टाचार सहित कई मामलों में 14 वर्ष की सजा हुई है. लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार उन्हें “पूरी तरह से बाहरी दुनिया से काट देना” पाकिस्तान में शायद पहली बार हुआ है. वकीलों का कहना है कि जेल मैनुअल के नाम पर मनमानी की जा रही है.
प्रूफ ऑफ लाइफ की मांग
इमरान के बेटे कासिम ने साफ शब्दों में कहा, “हमें न कॉल मिल रही है, न वीडियो, न मुलाकात… ये मानवाधिकारों का उल्लंघन है.” PTI का कहना है कि सरकार ने उनकी सुरक्षा को लेकर पारदर्शिता खत्म कर दी है, जिससे अफवाहों का बाज़ार गर्म है.
आज हाई कोर्ट और जेल के बाहर प्रदर्शन
इमरान खान की पार्टी ने ऐलान किया है कि वे आज इस्लामाबाद हाई कोर्ट और अदियाला जेल के बाहर “शांतिपूर्ण लेकिन शक्ति- प्रदर्शन वाला” विरोध करेंगे. दूसरे शब्दों में पाकिस्तान राजनीतिक विस्फोट के मुहाने पर खड़ा है.





