ट्रंप की टैरिफ धमकी से हिला भारत का स्टॉक मार्केट, 15 मिनट में डूबे ₹5 लाख करोड़; इन कंपनियों के टूटे शेयर
अमेरिका द्वारा भारत के निर्यात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा का गहरा असर शेयर बाजार पर पड़ा. गुरुवार को सेंसेक्स करीब 800 अंक गिरा और निफ्टी भी 24,650 के नीचे लुढ़क गया. निवेशकों के ₹5 लाख करोड़ कुछ ही मिनटों में स्वाहा हो गए. मिडकैप और स्मॉलकैप में भी भारी बिकवाली देखी गई. बाजार में अस्थिरता अब भी बनी हुई है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाए जाने की घोषणा ने गुरुवार को शेयर बाजार को हिला कर रख दिया. ट्रंप का यह फैसला 1 अगस्त से लागू होना है, लेकिन इसका डर भारतीय निवेशकों पर पहले ही दिख गया. ट्रेडिंग की शुरुआत से ही बिकवाली बढ़ गई और सेंसेक्स व निफ्टी में भारी गिरावट दर्ज हुई. निवेशकों की मनोदशा हिल गई और बाजार में डर हावी हो गया.
बीएसई सेंसेक्स ने दिन की शुरुआत 786 अंकों की भारी गिरावट के साथ की. यह 80,695 के स्तर तक गिरा, जबकि निफ्टी 213 अंक टूटकर 24,642 पर खुला. महज कुछ मिनटों में सेंसेक्स 800 अंक तक लुढ़क गया. निफ्टी भी 24,635 के निचले स्तर तक जा पहुंचा. इन आंकड़ों ने साफ कर दिया कि बाजार ट्रंप की धमकी को हल्के में नहीं ले रहा.
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर भी नहीं बचे
बाजार की यह गिरावट केवल बड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं रही. मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी 2% तक की गिरावट देखी गई. यह संकेत देता है कि निवेशकों ने जोखिम भरे शेयरों से दूरी बना ली है. व्यापक बाजार में जो बिकवाली फैली, उसने छोटे निवेशकों की चिंता को और गहरा कर दिया है.
डूबे ₹5 लाख करोड़
ट्रंप के टैरिफ ऐलान के महज 15 मिनट के भीतर ही शेयर बाजार से ₹5 लाख करोड़ की पूंजी साफ हो गई. बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप ₹452 लाख करोड़ से गिरकर ₹449 लाख करोड़ रह गया. यह गिरावट बताती है कि विदेशी नीतियों पर भारतीय बाजार कितना संवेदनशील हो चुका है.
व्यापारिक रिश्तों पर छाया अनिश्चितता का साया
ट्रंप के इस फैसले को व्यापार युद्ध की आहट के रूप में देखा जा रहा है. भारत और अमेरिका के रिश्तों में खटास की संभावना से निवेशक डरे हुए हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि यह केवल एक शुरुआत है और अगर बातचीत विफल रही, तो अगले कुछ हफ्ते बाजार के लिए और भी मुश्किल भरे हो सकते हैं.
निवेशकों को सावधानी बरतने की जरूरत
बाजार के जानकारों का कहना है कि इस वक्त निवेशकों को अलर्ट रहना चाहिए. अमेरिकी बाजारों पर निर्भर स्टॉक्स, खासकर आईटी, फार्मा और ऑटो सेक्टर में उतार-चढ़ाव तेज हो सकता है. जब तक भारत की तरफ से कोई स्पष्ट नीति प्रतिक्रिया नहीं आती, तब तक बाजार अस्थिर रह सकता है. सतर्कता ही इस समय सबसे बड़ी रणनीति है.