नेपाल और भारत में मूसलाधार बारिश का कहर! भूस्खलन और बाढ़ से 60 से अधिक लोगों की मौत, पढ़ें Top Update
नेपाल और भारत में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचा दी है. भूस्खलन और बाढ़ की वजह से अब तक 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लापता हैं. नेपाल के इल्लाम जिले में 37 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. राजधानी काठमांडू में नदियां उफान पर हैं और कई घर जलमग्न हो गए हैं. भारत के दार्जिलिंग में भी 20 लोगों की जान चली गई है. राहतकर्मी पैदल और हेलिकॉप्टर से फंसे लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.

नेपाल और भारत के कई हिस्सों में पिछले तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है. भूस्खलन और बाढ़ की वजह से अब तक 60 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लापता हैं. पहाड़ी इलाकों में सड़कें टूट गई हैं, पुल बह गए हैं और सैकड़ों गांवों का संपर्क टूट चुका है.
नेपाल के पूर्वी इलाकों में हालात सबसे ज्यादा गंभीर हैं, जहां इल्लाम जिले में ही 37 लोगों की जान चली गई. बचावकर्मी लगातार फंसे हुए लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कई जगह सड़कें और रास्ते बंद होने से राहत कार्य में मुश्किलें आ रही हैं.
नेपाल में भारी तबाही, 43 की मौत और कई लापता
नेपाल की राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन प्राधिकरण (NDRRMA) की प्रवक्ता शांति महत ने बताया कि अब तक देशभर में 43 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि पांच लोग लापता हैं. उन्होंने कहा, 'भारी बारिश के कारण कई नदियां उफान पर हैं और पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन ने बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है.ट
पूर्वी नेपाल के इल्लाम जिले में स्थिति सबसे भयावह बताई जा रही है. स्थानीय अधिकारी सुनीता नेपाल ने कहा, 'भारी बारिश ने रातभर में कई जगहों पर भूस्खलन कर दिया. सड़कें बंद हैं, जिससे कुछ इलाकों तक पहुंचना बेहद मुश्किल हो गया है. राहतकर्मी पैदल ही वहां पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.'
राजधानी काठमांडू में नदियां उफान पर
नेपाल की राजधानी काठमांडू में भी कई नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. नदियों के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है और कई घरों में नुकसान हुआ है. सरकारी सुरक्षा बलों को हेलिकॉप्टर और मोटरबोट की मदद से राहत कार्यों में लगाया गया है. स्थानीय सब्जी विक्रेता राजन खाद्गा (38) ने कहा, 'कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन समय पर अलर्ट जारी होने की वजह से हमने जरूरी सामान सुरक्षित जगह पहुंचा दिए.'
सैकड़ों लोग रास्ते में फंसे, उड़ानें और सड़कें बंद
भूस्खलन के कारण नेपाल की कई प्रमुख हाईवे और सड़कें बंद हैं. हवाई सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिससे सैकड़ों यात्री, जो दशैं (Dashain) पर्व के बाद अपने घर लौट रहे थे, जगह-जगह फंस गए हैं. प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने देश को संबोधित करते हुए कहा, “सरकार पूरी तरह से बचाव और राहत के लिए तैयार है. आपकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. जरूरत पड़ने पर मदद मांगने में संकोच न करें. सरकार ने रविवार और सोमवार को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है और लोगों से अनुरोध किया है कि वे जब तक जरूरी न हो, यात्रा न करें.
भारत के दार्जिलिंग में भी मौत का मंजर
नेपाल की सीमा से लगे भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में भी भारी बारिश ने कहर बरपाया है. दार्जिलिंग के चाय उत्पादन क्षेत्र में 20 लोगों की मौत की खबर है. स्थानीय सांसद हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, “पिछली रात आई भारी बारिश और चक्रवाती हवाओं के कारण दार्जिलिंग में 20 से अधिक लोगों की जान चली गई. कई घर और पुल बह गए हैं.”भारतीय टीवी चैनलों पर दिखाए जा रहे फुटेज में राहतकर्मी रस्सियों के सहारे बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों को निकालते हुए नजर आए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, 'दार्जिलिंग और आसपास के क्षेत्रों में हुई जानमाल की हानि से दुखी हूं. हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है. विशेषज्ञों के अनुसार, दक्षिण एशिया में जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून के पैटर्न में तेजी से बदलाव आया है. अधिक तापमान और अनियमित बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं.
काठमांडू स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (ICIMOD) ने जून में चेतावनी दी थी कि इस साल जलवायु परिवर्तन के कारण पानी से जुड़ी आपदाओं का खतरा ज्यादा रहेगा. रिपोर्ट में कहा गया था. 'बढ़ता तापमान और तीव्र बारिश, बाढ़, भूस्खलन और मलबा प्रवाह जैसी जल-प्रेरित आपदाओं का खतरा बढ़ा रही है.'