Begin typing your search...

'आतंक का अड्डा' पाक अब US के लिए 'महान' कैसे? 30 मिनट के बदले 'भीख में महानता' का क्रेडिट या फिर ट्रंप के मन में कुछ और?

पाकिस्तान को आतंकियों का 'safe haven” बताने वाले ट्रंप ने हाल ही में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर को ओवल ऑफिस में 'महान नेता' कहा. मुलाकात ट्रंप के टिकटॉक डील पर हस्ताक्षर में व्यस्त होने के कारण 30 मिनट लेट शुरू हुई. अब ऐसे में सोचने वाले बात है कि जिस पाक को अमेरिका आतंक का अड्डा कहता था अब वो महान कैसे बन गया क्या चल रहा है ट्रंप के मन में?

आतंक का अड्डा पाक अब US के लिए महान कैसे? 30 मिनट के बदले भीख में महानता का क्रेडिट या फिर ट्रंप के मन में कुछ और?
X
( Image Source:  Social Media )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 26 Sept 2025 11:33 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को वाइट हाउस के ओवल ऑफिस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर से मुलाकात की। मुलाकात तय समय से लगभग आधा घंटा लेट हुई, क्योंकि ट्रंप उस दौरान चीन के साथ टिकटॉक डील पर एक्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन कर रहे थे और मीडिया से बातचीत में व्यस्त थे। इस वजह से पाक प्रतिनिधिमंडल को लंबा इंतजार करना पड़ा. वाइट हाउस ने अभी तक इस बैठक की कोई अधिकृत फोटो या वीडियो जारी नहीं किया।

हालांकि, मुलाकात के दौरान अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में गर्माहट देखने को मिली. ट्रंप ने शरीफ और मुनीर को 'महान नेता' कहा और पत्रकारों से बातचीत में जोर देकर कहा कि 'हमारे यहां एक महान नेता आ रहे हैं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और फील्ड मार्शल. फील्ड मार्शल एक बहुत ही शानदार व्यक्ति हैं, और प्रधानमंत्री भी. दोनों आ रहे हैं, और हो सकता है कि वे अभी इसी कमरे में हों.'

पहले पाकिस्तान को बताया आतंक का अड्डा, अब क्यों गा रहे गीत?

पिछले वर्षों में ट्रंप ने पाकिस्तान को बार-बार आतंकियों का 'safe haven' कहा और भारत के प्रति पाकिस्तान की हरकतों पर सख्त रुख अपनाया. लेकिन अब वही ट्रंप शहबाज और असीम की तारीफ करते हुए उनके साथ अच्छा माहौल में दिख रहे हैं. जून में ट्रंप ने असीम मुनीर के लिए लंच आयोजित किया और पाकिस्तान ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया। इसके अलावा पाकिस्तान ने ट्रंप को भारत के ऑपरेशन सिंदूर में मध्यस्थता का श्रेय भी दिया. यह बदलाव संकेत देता है कि अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में खिचड़ी पक रही है. जहां सार्वजनिक रूप से ट्रंप ने पाकिस्तान की आलोचना की, वहीं द्विपक्षीय हितों और व्यापारिक सौदों के चलते अब दोस्ताना मोड़ दिखा रहे हैं.

भारत-अमेरिका संबंधों पर असर

इस बीच भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने न्यूयॉर्क में जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान का नाम लिए बिना आतंकवाद के खिलाफ कड़ा बयान दिया. विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद है. दुनिया को आतंकवाद के प्रति न तो सहिष्णुता दिखानी चाहिए और न ही उसे स्थान देना चाहिए. जो भी देश आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाता है, वह पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सेवा करता है. सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि ट्रंप और पाकिस्तान के बीच बढ़ते संबंधों से भारत-अमेरिका रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है.

व्यापार और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा

मुलाकात में द्विपक्षीय संबंध, व्यापार, क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक चुनौतियों पर भी चर्चा हुई. जुलाई में दोनों देशों ने व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे अमेरिकी कंपनियों को पाकिस्तान के तेल भंडार में निवेश का रास्ता खुला. इसके अलावा, ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता जारी रखने की पुष्टि की और प्रधानमंत्री मोदी के साथ सफल समाधान की उम्मीद जताई.

कहीं ट्रंप 30 मिनट के इंतजार में तो शाहबाज़ को नहीं दे रहे महानता की क्रेडिट

अब ऐसे में सोचने वाली बात है कि आखिर ट्रंप को हो क्या जाता है कि जिसे कभी आतंक की पनाहगाह बताया करते थे अब उसी देश के प्रधानमंत्री को महान बता रहे हैं कहीं ऐसा तो नहीं कि 30 मिनट के इंतजार के बदले में शाहबाज़ शरीफ को भीख में दे रहे हो महानता की क्रेडिट या फिर दोनों के बीच कुछ और ही चल रहा है. क्योंकि एक तरफ पाकिस्तान की बेइज्जती जिसमें ट्रंप ने शहबाज की हैसियत नाप दी! दूसरी तरफ उनके नेताओं की सार्वजनिक तारीफ. व्यापार, रणनीतिक हित और क्षेत्रीय सुरक्षा के चलते दोनों देशों के रिश्ते में यह खिचड़ी पक रही है, जो दक्षिण एशिया की कूटनीतिक परिस्थितियों को और जटिल बना रही है.

वर्ल्‍ड न्‍यूजडोनाल्ड ट्रंप
अगला लेख