कौन है फरहाद शकेरी? डोनाल्ड ट्रम्प की हत्या की ईरानी साजिश का अफ़गान मास्टरमाइंड
Donald Trump: डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ हत्या की नाकाम साजिश रचने वाला आरोपी अफगान व्यक्ति फरहाद शकेरी को अमेरिका से 2008 में ही निर्वासित कर दिया गया था. ट्रम्प की हत्या की साजिश का खुलासा उनके राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद हुआ है.

Iran conspiracy to assassinate Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने जीत हासिल कर ली है. इसके ठीक बाद एक ऐसा खुलासा, जिसने सबकी निंद उड़ा दी. बदले की आग में जल रहा ईरान कर रहा था ट्रम्प को मारने की साजिश. इस खबर ने दुनिया में हलचल मचा दी है. इसमें आरोपी अफगान व्यक्ति फरहाद शकेरी का नाम सामने आ रहा है. शकेरी को जेल में समय बिताने के बाद अमेरिका से निर्वासित कर दिया गया.
न्याय विभाग के अनुसार, निर्वासित होने के बाद वहकथित आतंकवादी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) में शामिल हो गया. शकेरी पर दो न्यूयॉर्क निवासियों - स्टेटन द्वीप के 36 वर्षीय जोनाथन लोडहोल्ट और ब्रुकलिन के 49 वर्षीय कार्लिस्ले रिवेरा (जिन्हें पॉप के नाम से भी जाना जाता है) के साथ मिलकर ईरान के इशारे पर ट्रम्प की हत्या की साजिश रचने का आरोप है.
कौन हैं फरहाद शकेरी?
शकेरी जब अमेरिका आया था तो वह काफी यंग था. हालांकि, FBI ने उसके देश में आने के साल और उसके ठिकाने का खुलासा नहीं किया है. अभियोग के मुताबिक, वह अमेरिका में जेल में रहने के दौरान ही अपने साथी षड्यंत्रकारियों से मिला था. 51 वर्षीय व्यक्ति को डकैती के अपराध में 14 साल की सजा काटने के बाद 2008 में जेल से रिहा किया गया था.
अभियोग में दावा किया गया है कि 1994 में दोष सिद्ध के बाद उसे कई राज्य जेलों में रखा गया, जिनमें वुडबोर्न सुधार केंद्र भी शामिल था, जहां वह अज्ञात अभियुक्त के साथ हिरासत में रहा है. अधिकारियों का दावा है कि 2005 में जब शेकेरी की पहली बार रिवेरा से मुलाकात हुई थी, तब उसे बीकन सुविधा में ट्रांसफर कर दिया गया था. 2008 में जेल से निकलने तक वह अमेरिका में ही रहा.
न्यूयॉर्क सुधार विभाग और सामुदायिक निगरानी के रिकॉर्ड के मुताबिक , उनकी पैरोल निगरानी 2015 में समाप्त हो गई थी. अभियोग के अनुसार, चार साल बाद ही उसे 92 किलोग्राम हेरोइन जब्त करने के सिलसिले में श्रीलंका में फिर से हिरासत में लिया गया था.
ईरान के निशाने पर क्यों हैं ट्रम्प?
तेहरान ने ईरानी मेजर जनरल और कुद्स फोर्स के कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए ट्रम्प के खिलाफ साजिश रची थी. सुलेमानी की हत्या के बाद से ट्रम्प निशाने पर हैं क्योंकि उन्होंने सत्ता में आने के बाद ईरान को 'टुकड़े-टुकड़े' करने की धमकी दी थी.
शकेरी को ट्रम्प को मारने का आदेश केवल एक महीने पहले दिया गया था, जब अमेरिका में 5 नवंबर को मतदान होना था. रिकॉर्ड की गई फोन बातचीत में उन्होंने एफबीआई को बताया कि उन्हें दिए गए समय के भीतर ऑपरेशन पूरा करने का कोई इरादा नहीं था.
इसके बाद शकेरी को इस प्लानिंग को होल्ड करने का निर्देश दिया गया. इसके पीछे ईरान का मानना था कि ट्रम्प व्हाइट हाउस की दौड़ हार जाएंगे और राष्ट्रपति पद की गुप्त सेवा सुरक्षा के बिना उन तक पहुंचना आसान होगा. न्याय विभाग का कहना है कि रिवेरा और लोडहोल्ट को हिरासत में ले लिया गया है, जबकि शकेरी अभी भी ईरान में स्वतंत्र है.