देश की एक ऐसी दरगाह जहां मनाई गई तीन दिन तक जन्माष्टमी!

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नरहड़ दरगाह में जन्माष्टमी सेलिब्रेशन

राजस्थान के झुंझुनू जिले में स्थित 14वीं शताब्दी की नरहड़ दरगाह पर जन्माष्टमी का उत्सव हिंदू-मुस्लिम मेल-जोल का प्रतीक बन चुका है.

तीन दिवसीय समारोह

इस साल भारतीय धार्मिक पर्व तीन दिनों तक मनाया गया, जिसमें भजन, कीर्तन, कव्वाली और नाट्य प्रस्तुतियां शामिल रहीं .

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जय कन्हैया लाल की गूंज

दरगाह के मैदान में हिंदू श्रद्धालुओं ने जय कन्हैया लाल की… का जयघोष किया, जबकि मुस्लिम समुदाय ने फूलों के साथ उनका स्वागत किया.

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जन्माष्टमी की परंपरा

जन्माष्टमी की परंपरा शुरू करने वाला वही हिंदू परिवार था जिसने दशकों से ये समारोह यहां शुरू किया था.

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लोक मान्यताएं

मान्यता है कि इस दरगाह पर आने वाले वैवाहिक दंपती शीघ्र ही अपना संतान सुख प्राप्त कर लेते हैं.

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पशु कल्याण से जुड़ा रिवाज

अगर किसी परिवार की गाय या भैंस बच्चे को जन्म देती है, तो वे दही लाकर दरगाह पर चढ़ाते हैं, यह आस्था का हिस्सा है..

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एकता की मिसाल

दरगाह में जन्माष्टमी का उत्सव हिंदू-मुस्लिम एकता दिवस का प्रतीक है.

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