ना हाथ थे, ना हार मानी! पायल यादव ने पैर से लिखकर पास की 10वीं बोर्ड परीक्षा

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पायल यादव

राजस्थान के अलवर जिले की पायल यादव हजारों बच्चों के लिए प्रेरणा बन गई है. उसने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जिससे पूरा देश पायल पर गर्व कर रहा है.

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10वीं बोर्ड परीक्षा

पायल यादव के दोनों हाथ नहीं है और उसने हार नहीं मानी. उसने पैरों से 10वीं बोर्ड के एग्जाम दिए और 100 फीसदी (600/600) नंबर हासिल किए हैं.

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पैर से लेखन की शुरुआत

पायल ने हाथों के बिना अपने पैरों से लिखना शुरू किया और धीरे-धीरे उसने इस कला को सीख लिया.

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परिवार का साथ

पायल के पिता, धर्मवीर यादव, और परिवार के अन्य सदस्य हमेशा उनके साथ खड़े रहे और उन्हें मोटिवेट किया.

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शिक्षकों की सराहना

पायल के स्कूल के शिक्षक उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना करते हैं.

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समाज में प्रेरणा

पायल की कहानी दिव्यांग बच्चों के लिए एक प्रेरणा है, जो यह दर्शाती है कि कठिनाइयां केवल मानसिक बाधाएं हैं, शारीरिक नहीं.

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IAS बनने का सपना

पायल IAS बनने की तैयारी कर रही हैं, जिससे समाज में बदलाव ला सकें.

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