October 24, 2025
छठ पूजा सूर्य देवता और छठी मइया की पूजा का पर्व है, विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल में धूमधाम से मनाया जाता है.
छठ पूजा का पर्व चार दिन चलता है और श्रद्धा, संयम और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक है. 36 घंटे का व्रती निर्जला उपवास रखते हैं.
पहला दिन नहाय-खाय होता है, जिसमें व्रति गंगा स्नान करके शुद्ध होते हैं और शाकाहारी भोजन करते हैं. इस दिन से ही व्रति का उपवासी जीवन शुरू होता है.
दूसरे दिन खरना होता है, जिसमें दिनभर उपवासी रहने के बाद रात में खीर, रोटी और गुड़ का प्रसाद बनाकर सूर्य देवता को अर्पित किया जाता है. इस दिन से उपवास की कठिनाई शुरू होती है.
तीसरे दिन संतान व्रत होता है, जिसमें व्रति संतान सुख की प्राप्ति के लिए सूर्य देवता और छठी मइया की पूजा करते हैं. इस दिन विशेष रूप से संतान सुख की कामना की जाती है. शाम को डूबते सूरज की पूजा होती है.
चौथे और अंतिम दिन उषा अर्घ्य होता है, जिसमें व्रति सूर्योदय से पूर्व नदी या तालाब में खड़े होकर सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करते हैं. यह दिन छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है.
यह पर्व सूर्य देवता और छठी मैया की उपासना का पर्व है, जिसमें विशेष फल अर्पित करने से आशीर्वाद और समृद्धि की प्राप्ति होती है.