रहमान डकैत, जिनका असली नाम सरदार अब्दुल रहमान बलोच था, 1990 और 2000 के दशक में कराची का सबसे ख़तरनाक गैंगस्टर माना जाता था. सिर्फ़ 13 साल की उम्र में पहला मर्डर करने वाला रहमान धीरे-धीरे लियारी गैंगवार का सिंडिकेट बॉस बन गया. हत्या, अपहरण, ड्रग रैकेट, राजनीतिक संरक्षण, उसका आतंक पूरे कराची में फैल चुका था.अजीब विरोधाभास यह था कि वही रहमान, जिसे पाकिस्तान का सबसे ख़तरनाक अपराधी कहा जाता था, एक समय बेनज़ीर भुट्टो की जान बचाने के लिए भी जाना जाता है. पुलिस, राजनीति और अंडरवर्ल्ड, इन तीनों के बीच उसका प्रभाव इतना गहरा था कि वह 'स्टेट विदिन स्टेट' की तरह काम करता था. अक्षय खन्ना की फिल्म Dhurandhar ने रहमान डकैत की कहानी को फिर सुर्खियों में ला दिया है, लेकिन 2009 में, पाकिस्तानी पुलिस ने एक एनकाउंटर में उसकी कहानी का अंत कर दिया...ऐसे ही, जैसे उसकी पूरी ज़िंदगी हिंसा और साज़िशों से भरी रही.