बिहार की राजनीति में अगर कुछ स्थायी है, तो वह है नेताओं का अस्थिर रहना! सत्ता की कुर्सी और राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के लिए पलटी मारना एक परंपरा बन चुकी है. इस वीडियो में हम बात कर रहे हैं उन चार दिग्गज नेताओं की, जिन्होंने बार-बार पाला बदलकर खुद को सियासत में बनाए रखा. चाहे वो नीतीश कुमार हों या उपेंद्र कुशवाहा या फिर पप्पू यादव. इनके राजनीतिक सफर से साफ होता है कि बिहार की राजनीति में विचारधारा नहीं से ज्यादा समीकरण मायने रखते हैं.