UP वालों को अब लगने वाला है 440 वोल्ट का झटका! जानिए गांव से शहर तक कितने रुपये बढ़ जाएगा बिजली बिल
उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगने वाला है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बिजली दरों में बढ़ोतरी की तैयारी है. यूपी विद्युत नियामक आयोग (UPERC) जल्द नया टैरिफ लागू कर सकता है, जिससे घरेलू बिल 5% से 10% तक बढ़ सकते हैं। सरकार इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करेगी. गरीब उपभोक्ताओं को राहत देने की बात भी कही जा रही है.

उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए आने वाला समय महंगाई के मोर्चे पर और कठिन साबित हो सकता है. उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने बिजली दरों में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) के समक्ष पेश किया है, जिससे प्रदेश के करोड़ों उपभोक्ताओं पर आर्थिक दबाव बढ़ने की आशंका है.
इस संशोधित प्रस्ताव के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली दरों में 45% तक, जबकि शहरी क्षेत्रों में 40% तक की बढ़ोतरी की जा सकती ह. यही नहीं, नए बिजली कनेक्शन लेना भी महंगा हो जाएगा, क्योंकि नए कनेक्शन की दरों में भी 25 से 30% तक वृद्धि का प्रस्ताव शामिल है. यह राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी संभावित बढ़ोतरी मानी जा रही है.
नियामक आयोग करेगा सुनवाई
UPPCL ने तर्क दिया है कि यह दरें बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और कॉर्पोरेशन की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए जरूरी हैं. हालांकि, यह दलील उपभोक्ताओं के गले नहीं उतर रही है. नियामक आयोग ने 7 जुलाई से सार्वजनिक सुनवाई की तारीख तय की है, जिसमें वितरण कंपनियों के साथ उपभोक्ताओं की आपत्तियों पर भी विचार किया जाएगा.
उपभोक्ता परिषद ने जताई कड़ी आपत्ति
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस प्रस्ताव को असंवैधानिक और जनविरोधी बताया है. परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि यह प्रस्ताव महंगाई से जूझ रही जनता पर सीधा हमला है. उनका आरोप है कि पावर कॉर्पोरेशन और नियामक आयोग की मिलीभगत से यह भारी वृद्धि प्रस्तावित की गई है, जो जनहित के विरुद्ध है.
नए कनेक्शन और स्मार्ट मीटर भी महंगे
प्रस्ताव में ग्रामीण क्षेत्रों में नए कनेक्शन की लागत में 44% वृद्धि, जबकि औद्योगिक कनेक्शन के लिए 50 से 100% तक की बढ़ोतरी का अनुमान है. इसके अलावा, स्मार्ट मीटर की कीमतों में भी इजाफे की संभावना है, जिससे घरेलू बजट और प्रभावित हो सकता है. हालांकि, हाल ही में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने यह बयान दिया था कि राज्य सरकार की ओर से कनेक्शन दरें बढ़ाने की कोई योजना नहीं है, लेकिन UPPCL का यह कदम सरकार की नीति पर सवाल खड़े कर रहा है. इससे साफ है कि विभागीय स्तर पर और सरकार के बयानों में स्पष्ट विरोधाभास देखने को मिल रहा है.