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मंदिर या मस्जिद: सर्वे के आदेश के बाद जुमे पर संभल 'संभलकर'! कैसे हैं हालात?

Sambhal Masjid Controversy: उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिए जाने के बाद वहां सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम ने इस 16वीं सदी की मस्जिद का सर्वे मंगलवार को किया.

मंदिर या मस्जिद: सर्वे के आदेश के बाद जुमे पर संभल संभलकर! कैसे हैं हालात?
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 22 Nov 2024 12:21 PM IST

Sambhal Masjid Controversy: उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिए जाने के बाद वहां सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम ने इस 16वीं सदी की मस्जिद का सर्वे मंगलवार को किया. जिससे इलाके में हलचल मच गई. इस कदम के बाद, इलाके में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा तैनात की गई है, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके.

सर्वे के कुछ ही घंटों बाद, एक पुजारी ने स्थानीय अदालत में एक याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि शाही जामा मस्जिद मुस्लिम शासकों द्वारा मंदिर के खंडहरों पर बनाई गई थी. उनका यह बयान एक ऐतिहासिक विवाद को जन्म दे सकता है, क्योंकि मस्जिद का निर्माण स्थल और इसके ऐतिहासिक संदर्भ पर पहले भी कई तरह की बहसें होती रही हैं.

संभल की जामा मस्जिद से जुड़े विवाद पर क्या बोली BSP?

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले की शाही जामा मस्जिद से जुड़े विवाद पर बीएसपी (बहुजन समाज पार्टी) सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि 'यूपी के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद को लेकर अचानक विवाद, सुनवाई और फिर उसके फौरन ही बाद आपाधापी में सर्वे की खबरें राष्ट्रीय चर्चा व मीडिया की सुर्खियों में है, किन्तु इस प्रकार से सदभाव व माहौल को बिगाड़ने का संज्ञान सरकार तथा मा. सुप्रीम कोर्ट को भी जरूर लेना चाहिए'

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के आदेश के बाद, कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि शुक्रवार को पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं. इसके मद्देनजर, संभल प्रशासन ने तुरंत सुरक्षा व्यवस्था शुरू कर दी है और पूरे इलाके में बहु-स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके.

इसके अतिरिक्त, प्रशासन ने मौलवियों और शादी मस्जिद समिति के सदस्यों से कई दौर की बातचीत की है. इन वार्ताओं के दौरान, मस्जिद समिति के सदस्यों ने यह आश्वासन दिया कि वे सार्वजनिक रूप से संबोधन प्रणाली (PA सिस्टम) का उपयोग करके नियमित घोषणाएं करेंगे, ताकि इलाके में शांति बनी रहे और किसी भी तरह की अशांति से बचा जा सके.

कब होगी अगली सुनवाई?

जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होने वाली है, और इसलिए प्रशासन ने फैसला लिया कि सर्वे को जल्दी से जल्दी पूरा किया जाए. उन्होंने यह भी बताया कि यह कदम सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि न्यायिक प्रक्रिया में कोई देरी न हो. स्टेशन हाउस ऑफिसर अनुज तोमर ने कहा कि संभल का यह इलाका मुस्लिम बहुल है, जहां लगभग 80 प्रतिशत मुस्लिम निवासी हैं. मंगलवार की रात को सर्वे पूरा किया गया, और इलाके में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई. उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और फिलहाल कोई घटना नहीं हुई है.

वहीं, स्थानीय निवासी मोहन कुमार ने दावा किया कि यह स्थान मस्जिद नहीं बल्कि मंदिर है, और यहां कल्कि का जन्म हुआ था. उनका कहना है कि मुसलमानों ने इस स्थान को कब्जा कर लिया था, और अब वे इसे वापस प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं. इस बयान से स्थानीय विवाद और तनाव और बढ़ सकता है.

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