उदयपुर में बढ़ता जा रहा पैंथर का आतंक, पुजारी को बनाया शिकार, हमले में अबतक 7 लोगों की मौत
जानकारी के अनुसार पैंथर ने विजय बावड़ी के राठौड़ो का गुड़ा में मंदिर के एक पुजारी को उठा कर जंगल में ले गया. इसके बाद मंदिर से कुछ दूरी पर उसका शव पड़ा मिला. उदयपुर के अलग-अलग हिस्सों में लगातार आदमखोर पैंथर के हमले में लोगों की जान जा रही है. जिससे लोगों में खौफ देखने को मिल रहा है, अब वो घर से बाहर निकलने में भी सौ बार सोच रहे हैं.

Rajasthan News: राजस्थान के उदयपुर में बीते कई दिनों से पैंथर का आतंक देखने को मिल रहा है. शहर में 11 दिनों के अंदर पैंथर ने 7 लोगों को अपना शिकार बना लिया है. इससे इलाके के लोग दहशत में जी रहे हैं. गोगुंदा में हाल ही में पैंथर ने एक और शिकार किया. इस बार उसने मंदिर के पुजारी को अपना शिकार बनाया है.
जानकारी के अनुसार पैंथर ने विजय बावड़ी के राठौड़ो का गुड़ा में मंदिर के एक पुजारी को उठा कर जंगल में ले गया. इसके बाद मंदिर से कुछ दूरी पर उसका शव पड़ा मिला. उदयपुर के अलग-अलग हिस्सों में लगातार आदमखोर पैंथर के हमले में लोगों की जान जा रही है. जिससे लोगों में खौफ देखने को मिल रहा है, अब वो घर से बाहर निकलने में भी सौ बार सोच रहे हैं.
10 दिनों में छठा हमला
सूचना मिलने के बाद वन विभाग के डीएफो अजय चित्तौड़ा घटना स्थल पर पहुंचे. बताया गया कि पिछले 10 दिनों में पैंथर अटैक की छठी घटना है. पैंथर 25 किलोमीटर क्षेत्र में अब तक कुल 7 लोगों को अपना शिकार बना चुका है. इससे पहले उसने एक महिला पर भी हमला किया था, लेकिन ग्रामीण ने समय पर पहुंच कर उसकी जान बचा ली. पैंथर ने गोविंद और झाडोल को मिलाकर 8 लोगों पर हमला किया, जिसमें 7 की मौत हो गई.
चौथा तेंदुआ पकड़ा गया
जानकारी के अनुसार रविवार 29 सितंबर की सुबह गोगूंदा इलाके में बाघदड़ा गांव में वन विभाग ने चौथे तेंदुए को पकड़ लिया है. इस जगह पर एक हफ्ते पहले तेंदुए ने खेत में बैल का शिकार किया था. उसे पकड़ने के लिए रविवार को एक जाल बिछाया गया. 4-5 ग्रामीणों ने तेंदुए को पिंजड़े के कैद किया और वन विभाग के अधिकारियों को सूचित किया. इससे पहले उमरिया गांव में दो अलग-अलग पिंजरों में दो तेंदुओं को पकड़ा गया था.
27 सितंबर को भी एक तेंदुए को पकड़ा गया था. अब तक कुल चार पैंथर को पकड़ा गया है. वन विभाग की ओर से उदयपुर शहर में पैंथर के आतंक को खत्म करने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है. ग्रामीण और विभाग मिलकर रोज नए-नए तरीकों को अपना रहे हैं.