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झारखंड की खदान में मौत की दस्तक, अवैध खनन बना काल; चार मजदूरों की गई जान, कई अब भी फंसे

झारखंड के रामगढ़ जिले में एक बंद पड़ी अवैध कोयला खदान के धंसने से चार मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई. हादसे के समय खदान में 10 लोग काम कर रहे थे, जिनमें कई अब भी फंसे हैं. राहत-बचाव कार्य जारी है. स्थानीय लोगों ने पहले ही अवैध खनन की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

झारखंड की खदान में मौत की दस्तक, अवैध खनन बना काल; चार मजदूरों की गई जान, कई अब भी फंसे
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 5 July 2025 1:14 PM

झारखंड के रामगढ़ जिले में शुक्रवार देर रात एक अवैध कोयला खदान के धंसने से हड़कंप मच गया. यह हादसा रामगढ़ के कुजू स्थित महुआ टुंगरी इलाके में हुआ, जहां रात के अंधेरे में अवैध खनन चल रहा था. हादसे में अब तक चार मजदूरों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि पांच अन्य के अंदर फंसे होने की आशंका है. राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है.

घटना के वक्त इलाके में लगातार बारिश हो रही थी, जिससे जमीन कमजोर हो गई थी. इसी दौरान अचानक खदान धंस गई और नीचे काम कर रहे मजदूर मलबे में दब गए. बताया जा रहा है कि इस खदान को पहले ही सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड) ने बंद कर दिया था, लेकिन बावजूद इसके वहां अवैध रूप से खनन कार्य जारी था. मजदूरों की संख्या 10 बताई जा रही है.

राहत और बचाव कार्य जारी

घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच गईं. बड़ी संख्या में मशीनें लगाई गई हैं, ताकि मलबे को हटाकर फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके. रामगढ़ के उपायुक्त और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा ले रहे हैं. पुलिस ने पुष्टि की है कि चार शव बरामद कर लिए गए हैं और पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं.

लापरवाही बनी मौत की वजह

स्थानीय लोगों का आरोप है कि क्षेत्र में लंबे समय से अवैध खनन चल रहा था और इस बारे में कई बार प्रशासन को सूचित भी किया गया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. उनका कहना है कि इस हादसे की जिम्मेदारी सिर्फ मजदूरों की नहीं, बल्कि सिस्टम की भी है, जो समय रहते कार्रवाई नहीं कर पाया. यह हादसा सरकारी लापरवाही का नतीजा बताया जा रहा है.

धनबाद में भी जमीन ने ली करवट

रामगढ़ की इस घटना से पहले धनबाद में भी एक और भू-धंसान का मामला सामने आया था. बीसीसीएल कतरास क्षेत्र की एक परियोजना के समीप केशलपुर मुंडा धौड़ा गांव में जोरदार आवाज के साथ जमीन धंस गई थी, जिससे पांच घर क्षतिग्रस्त हो गए थे. गनीमत रही कि उस समय लोग घर के बाहर थे, वरना एक और बड़ा हादसा हो सकता था. लगातार हो रहे भू-धंसानों से इलाके में दहशत का माहौल है.

खतरे की जमीन पर जिंदगी

इससे पहले भी कुजू और धनबाद क्षेत्र में कई बार भू-धंसान की घटनाएं हो चुकी हैं. बावजूद इसके अवैध खनन और खतरनाक जमीन पर लोगों का रहना जारी है. पुनर्वास की मांग पर कुछ कार्रवाइयां जरूर हुईं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस समाधान नहीं निकला. प्रशासन को अब ऐसे खतरनाक इलाकों को चिन्हित कर जल्द कार्रवाई करनी होगी, वरना हर बारिश के साथ ऐसे हादसे दोहराए जाते रहेंगे.

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