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10 साल जेल में रहा, बाहर आकर फिर बना हिज्ब-उल-तहरीर का आतंकी, जानें क्या है अम्मार याशर की क्राइम कुंडली

अम्मार को साल 2014 में राजस्थान के जोधपुर में गिरफ्तार किया गया था. उसने अपनी जिंदगी के 10 साल जेल में बिताए, लेकिन जेल से बाहर निकलने के बाद उसकी राह नहीं बदली. पुराने संपर्क फिर से सक्रिय हुए, और उसने दोबारा आतंकी नेटवर्क में अपनी जगह बना ली.

10 साल जेल में रहा, बाहर आकर फिर बना हिज्ब-उल-तहरीर का आतंकी, जानें क्या है अम्मार याशर की क्राइम कुंडली
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हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 2 May 2025 2:23 PM IST

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जब देश भर में सुरक्षा एजेंसियों की नींद टूटी, तो हर दिशा में सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ। इसी सघन तलाशी अभियान के दौरान आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) को एक बड़ी सफलता हाथ लगी. एक नाम जो पहले इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका था, फिर से सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आ गया. यह कोई और नहीं बल्कि अम्मार याशर है.

अम्मार झारखंड के धनबाद जिले के शमशेर नगर इलाके में छिपा हुआ था. गुरुवार को जब ATS की टीम ने वहां दबिश दी, तो अम्मार को काबू में ले लिया गया. पूछताछ में खुलासा हुआ कि वह सिर्फ हिज्ब-उल-तहरीर से जुड़ा आतंकी ही नहीं, बल्कि इंडियन मुजाहिदीन (IM) का भी पुराना सदस्य रह चुका है.

10 साल जेल काटी जेल की सजा

अतीत में अम्मार को साल 2014 में राजस्थान के जोधपुर में गिरफ्तार किया गया था. उसने अपनी जिंदगी के 10 साल जेल में बिताए, लेकिन जेल से बाहर निकलने के बाद उसकी राह नहीं बदली. पुराने संपर्क फिर से सक्रिय हुए, और उसने दोबारा आतंकी नेटवर्क में अपनी जगह बना ली. अब, उसे अदालत में पेश किया गया है और दोबारा जेल भेज दिया गया है.

AQIS के चार आतंकियों को पकड़ा

देश में जब सुरक्षा एजेंसियां पहलगाम आतंकी हमले के बाद अलर्ट पर थीं, उसी समय झारखंड के धनबाद में एक साज़िश चुपचाप आकार ले रही थी. पर किस्मत ने एक गलती कर दी और वो गलती बनी एक आतंकी नेटवर्क को बेनकाब करने की कड़ी. 26 अप्रैल को धनबाद की एक सुबह अचानक सन्नाटे से टूट गई जब ATS ने एक गुप्त ऑपरेशन के तहत हिज्ब-उल-तहरीर और अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट के चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया. इनमें गुलफाम हसन, अयान जावेद, मोहम्मद शहजाद आलम और शबनम परवीन शामिल हैं. इन सभी लोगों की उम्र 20 से 21 साल है.

पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार

पूछताछ के दौरान, जब अयान जावेद ने अम्मार याशर का नाम लिया. अयान के पास से बरामद कुछ संदिग्ध दस्तावेज इस बात का सबूत थे कि न सिर्फ अयान बल्कि अम्मार भी हिज्ब-उल-तहरीर जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठन का सक्रिय सदस्य है. इन दस्तावेजों में दोनों के आपसी संबंध और नेटवर्क की परतें दर्ज थीं. इसी सुराग को पकड़ते हुए ATS ने गुरुवार को धनबाद के शमशेर नगर इलाके में छापा मारा, और आखिरकार अम्मार याशर को दबोच लिया गया.

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