ओलंपिक मेडल विजेता रवि दहिया की पत्नी रिचा कौन? पहलवान ने दहेज में महज 1 रुपया लेकर किसान की बेटी से रचाई शादी
टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए मेडल जीतने वाले पहलवान रवि दहिया ने हरियाणा के गोहाना स्थित बिलबिलान गांव की रिचा संग शादी कर ली है. शादी में रवि ने महज 1 रुपया दहेज में लेकर मिसाल कायम की. अब हर कोई जानना चाहता है कि आखिर रवि दहिया की पत्नी रिचा कौन हैं और क्या करती हैं?
ओलंपिक मेडलिस्ट और भारत के स्टार फ्रीस्टाइल पहलवान रवि दहिया ने हरियाणा के गोहाना स्थित बिलबिलान गांव की रिचा संग सात फेरे लेकर शादी रचाई. रविवार रात हुए इस विवाह समारोह ने अपनी सादगी और सामाजिक संदेश के कारण सभी का ध्यान खींच लिया.
नाहरी गांव से बारात लेकर निकले रवि दहिया ने परंपरागत रीति-रिवाजों के बीच बिना दान-दहेज के साथ शादी कर समाज में एक सकारात्मक उदाहरण पेश किया. अब हर तरफ इस शादी की चर्चा हो रही है.
सादगी और परंपरा से सजा विवाह समारोह
रविवार रात करीब 8 बजे रवि दहिया अपनी बारात के साथ बिलबिलान गांव पहुंचे. रिचा के पिता के स्कूल में आयोजित इस समारोह में रवि रथ पर सवार होकर प्रवेश करते नजर आए. आतिशबाजी और पारंपरिक स्वागत ने माहौल को उत्साह से भर दिया. रिचा के भाई वंश ने मंच पर लड्डू खिलाकर रस्म पूरी की, वहीं बहनों ने नीम झराड़, आरती और रिबन कटवाने की रस्में निभाईं.
फिल्मी अंदाज में दुल्हन की एंट्री
दुल्हन रिचा की एंट्री हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र बनी. स्टाइलिश चश्मे और खूबसूरत दुल्हन के लिबास में वह किसी फिल्म एक्ट्रेस की तरह नजर आईं. स्टेज पर पहुंचने के बाद रिचा ने सबसे पहले रवि को वरमाला पहनाई, जिसके बाद रवि दहिया ने भी वरमाला डालकर रिचा को अपनी दुल्हन स्वीकार किया.
कौन हैं रवि दहिया की पत्नी रिचा?
रिचा वर्तमान में MA जियोग्राफी की छात्रा हैं और UGC-NET की तैयारी कर रही हैं. रिचा एक किसान परिवार से आती हैं. उन्होने शादी की खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सरल और सादगी पसंद परिवार में जाना उनके लिए गर्व की बात है. उन्होंने कहा "यह सब मेरे लिए सपना जैसा है और मैं बेहद खुश हूं कि मुझे इतना अच्छा परिवार मिला है.”
दहेज को लेकर क्या बोले रवि दहिया?
शादी के बाद रवि दहिया ने भी अपनी खुशी साझा करते हुए कहा कि यह दिन उनके जीवन का सबसे खास दिन है और परिवार व दोस्तों की मौजूदगी ने इसे और खास बना दिया. दहेज रहित शादी पर उन्होंने कहा “मैं अकेला ऐसा नहीं हूं. यह परंपरा पहले भी कई लोगों की ओर से निभाई जाती रही है. एक पिता जब बेटी दे देता है, उससे बड़ा कोई दहेज नहीं.”





