कांग्रेस और BJP में 'भितरघात'! हरियाणा में बागी चेहरे कहां-कहां फंसा रहे पेंच? आज 90 सीटों पर हो रही वोटिंग
Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए आज वोटिंग हो रही है, लेकिन इस बार के चुनाव में टिकट शेयरिंग पर बवाल और बगावत से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही काफी परेशान हैं. 90 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के लिए कई बागी चेहरों ने संकट पैदा कर दी है.

Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के प्रचार थम चुका है और आज यानी कि 5 अक्टूबर को सभी 90 सीटों पर वोटिंग हो रही है, लेकिन इससे पहले आपको राज्य में बगावत और दो बड़ी पार्टियों के लिए फंसे पेच के बारे में बताते हैं. हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव से पहले 'बागी संकट' का सामना करना पड़ रहा है. भाजपा के 19 और कांग्रेस के 29 बागी 15 और 20 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ रहे हैं.
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस सात निर्वाचन क्षेत्रों में 12 बागियों को मनाने में कामयाब रही. छह निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा के बागियों ने भी वरिष्ठ पार्टी नेताओं के अनुरोध पर अपने नामांकन वापस ले लिया. कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और मुख्यमंत्री नायब सैनी को अपनी-अपनी पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में नामांकन वापस लेने की अपील करते देखा गया. वरिष्ठ भाजपा नेता रामबिलास शर्मा भी नामांकन वापस लेने वालों में शामिल थे.
भाजपा से अधिक है कांग्रेस की मुश्किलें
वरिष्ठ भाजपा नेताओं की अपील अनसुनी ही रह गई. उनके 19 बागी उम्मीदवार मैदान में दांव खेलने वाले हैं और 15 निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी उम्मीदवारों को चुनौती दे रहे हैं. इसमें सावित्री जिंदल भी शामिल हैं, जिन्हें हिसार विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं दिया गया. सावित्री जिंदल निर्दलीय ही पार्टी उम्मीदवार डॉ. कमल गुप्ता के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं. कांग्रेस को भाजपा की तुलना में अधिक विद्रोहियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें 29 असंतुष्ट 20 निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी उम्मीदवारों को चुनौती दे रहे हैं.
गोपाल गोयल कांडा ने भाजपा को छोड़ा अकेला
सिरसा से भाजपा उम्मीदवार रोहतास जांगड़ा ने कांडा के पक्ष में अपना नामांकन वापस ले लिया है. इसके साथ ही हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के नेता गोपाल गोयल कांडा ने भाजपा को मुश्किल में डाल दिया है. कांडा ने कहा कि उनकी पार्टी एनडीए का नहीं बल्कि इनेलो-बसपा गठबंधन का हिस्सा है. भाजपा नेता डॉ. अशोक तंवर ने पहले दावा किया था कि गोपाल गोयल कांडा की अगुवाई वाली एचएलपी का भाजपा के साथ गठबंधन है.
इस चुनाव में 48 बागी सहित कुल 1,031 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि 2019 में यह संख्या 1,169 थी. भाजपा और कांग्रेस में से प्रत्येक के 89 उम्मीदवार हैं, इसके बाद सीपीआईएम के 1, इनेलो-बसपा के 87 और जेजेपी-एएसपी के 83 उम्मीदवार मैदान में हैं.