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रेड फोर्ड Blast से पहले उमर ने क्यों घुमाई दिल्ली में ‘डेथ कार’? NIA के हाथ लगी CCTV चेन से सनसनीखेज खुलासा

Delhi Blast Dead: दिल्ली ब्लास्ट केस में डॉ. उमर की मूवमेंट ने जांच को नए मोड़ पर ला दिया है. CCTV फुटेज और डिजिटल डेटा से मिले संकेत साफ बताते हैं कि यह हमला सिर्फ एक ब्लास्ट नहीं बल्कि एक सुनियोजित ‘साइकोलॉजिकल ऑपरेशन’ था, जो राजधानी को अस्थिर करने की साजिश का हिस्सा हो सकता है. एनआईए अब इस मामले की तह तक जाने में जुटी है.

रेड फोर्ड Blast से पहले उमर ने क्यों घुमाई दिल्ली में ‘डेथ कार’? NIA के हाथ लगी CCTV चेन से सनसनीखेज खुलासा
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Delhi Red Fort Blast Case: दिल्ली धमाके की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं. ताजा जानकारी के मुताबिक, मुख्य संदिग्ध उमर धमाके वाले दिन विस्फोटक से भरी कार में करीब घंटों तक दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में घूमता रहा. NIA को मिले CCTV फुटेज और डिजिटल लोकेशन डेटा से अब इस पूरे ऑपरेशन की नई परतें खुलने लगी हैं. जांच अधिकारियों का कहना है कि यह मामला दिल्ली कार ब्लास्ट मामले की जांच को आगे बढ़ाने में अहम साबित हो सकता है.

न्यूज 18 ने जांच अधिकारियों के हवाले से कहा है कि लाल किला क्षेत्र के पास विस्फोट से पहले आरोपी दिल्ली के छह जिलों के 12 से ज्यादा जगहों पर गया. इन स्थानों पर वह क्यों गया, इसका अभी तक पता नहीं चला है. खास बात यह है कि जिस हुंडई i20 कार का ब्लास्ट में इस्तेमाल हुआ, उसी डॉ. उमर दिल्ली छह जिलों के 12 जगहों का चक्कर लगाया था. जिन जिलों से वह कार से गुजरा उनमें दक्षिण पूर्वी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, मध्य दिल्ली, नई दिल्ली, उत्तरी दिल्ली और उत्तर-पश्चिम दिल्ली जिला शामिल है.

किन-किन स्थानों पर गया?

दिल्ली ब्लास्ट के मुख्य आरोपियों में से एक जिन प्रमुख जगहों पर गया था, उनमें नेताजी सुभाष प्लेस, अशोक विहार, कनॉट प्लेस (सीपी), रंजीत फ्लाईओवर, डिलाइट सिनेमा, शहीद भगत सिंह मार्ग और रोहतक रोड आदि शामिल हैं. इसके अलावा, उत्तरी दिल्ली में कश्मीरी गेट, दरियागंज और लाल किला जैसे उसके कई ठिकानों पर भी वो गया था.

कहीं अफसरों को केस से भटकाना मकसद तो नहीं!

जांच में शामिल वरिष्ठ अधिकारियों ने न्यूज 18 को बताया कि संदिग्ध डॉ. उमर ने जानबूझकर भीड़-भाड़ वाले और ज्यादा ट्रैफिक वाले इलाकों से यात्रा की थी. बताया जा रहा है कि उसने ऐसा जांच में जुटे अधिकारियों को गुमराह करने या विस्फोट से पहले सुरक्षा कवरेज का परीक्षण करने के मकसद से किया होगा.

सीसीटीवी फुटेज से मिले नए सुराग

नए सीसीटीवी फुटेज में आरोपी को बदरपुर टोल प्लाजा के पास नकाब पहनकर कार चला रहा था. वही गाड़ी जिसे बाद में विस्फोट में शामिल माना गया. अब यह क्लिप एक महत्वपूर्ण सबूत बन गई है, जिससे जांचकर्ताओं को आरोपी की गतिविधियों के मार्ग और समय क्रम का पता लगाने में मदद मिली है.

फिलहाल, जांच अधिकारी संदिग्ध की गतिविधियों को लेकर सटीक सुराग जुटाने के लिए कई जिलों में कई घंटों के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण कर रहे हैं. टोल गेटों, व्यावसायिक केंद्रों और मुख्य सड़कों से कार की आवाजाही ने दिल्ली में आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले संभावित प्रवेश और निकास मार्गों ने पुलिस की मुश्किलों को कम की है.

कार में आरोपी के साथ और कौन था?

शुरुआती जांच से पता चला है कि आरोपियों ने अकेले ऐसा नहीं किया होगा. पुलिस अब जांच कर रही है कि डॉ. उमर ने जिन 12 जगहों का दौरा किया, उनमें से किसी में भी संभावित लक्ष्यों की तलाश में बैठकें, उन्हें छोड़ने या टोह लेने की कोशिश की या नहीं.

दूसरी तरफ फोरेंसिक टीमें विस्फोट में इस्तेमाल किए गए विस्फोटकों के प्रकार और किसी भी ऐसी विशिष्ट सामग्री की पहचान करने के लिए भी काम कर रही है, जो उपकरण को अन्य घटनाओं से जोड़ सकती है.

12 स्थानों पर क्यों गया डॉ. उमर?

अधिकारियों का कहना है कि छह जिलों में संदिग्ध की व्यापक यात्रा पैटर्न दो उद्देश्यों में से एक की ओर इशारा कर सकती है. एक है, ट्रैकिंग को मुश्किल बनाने और पहचान में देरी करने के लिए टालमटोल और भ्रम की स्थिति उत्पन्न करना भी हो सकता है. या फिर हमले को अंजाम देने से पहले प्रमुख बिंदुओं पर पुलिस की मौजूदगी और निगरानी का परीक्षण करने के लिए तैयारी और टोह लेना हो सकता है. यह जांच अब प्रत्येक स्थान के टाइमस्टैम्प को मैप करने पर भी केंद्रित हो गया है. ताकि यह पता लगाया जा सके कि संदिग्ध को रास्ते में किसी भी बिंदु पर सहायता या संसाधन मिले थे या नहीं.

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