Begin typing your search...

वोटिंग खत्‍म होने के बाद रात को कैसे बढ़ जाता है मतदान प्रतिशत? CEC ने बताई वजह

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने लोकसभा चुनावों के दौरान उठे सवालों और आशंकाओं का जवाब दिया. मुख्य चुनाव आयुक्त ने 'रात 11 बजे वोटिंग प्रतिशत बढ़ने' पर चर्चा करते हुए स्पष्ट किया कि मतदान शाम 6 बजे तक जारी रहता है, लेकिन कई मतदान केंद्रों पर यह समय आगे बढ़ जाता है.

वोटिंग खत्‍म होने के बाद रात को कैसे बढ़ जाता है मतदान प्रतिशत? CEC ने बताई वजह
X
सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 7 Jan 2025 4:12 PM IST

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. चुनाव एक ही चरण में संपन्न होंगे. इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने लोकसभा चुनावों के दौरान उठे सवालों और आशंकाओं का जवाब दिया. मुख्य चुनाव आयुक्त ने 'रात 11 बजे वोटिंग प्रतिशत बढ़ने' पर चर्चा करते हुए स्पष्ट किया कि मतदान शाम 6 बजे तक जारी रहता है, लेकिन कई मतदान केंद्रों पर यह समय आगे बढ़ जाता है.

इसके बाद, मतदान समाप्ति के बाद, ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम तक पहुंचाने और अन्य जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा करने में समय लगता है. राजीव कुमार ने कहा कि ये सारे काम पूरा करने के बाद ही अंतिम वोटिंग प्रतिशत का डेटा जारी किया जाता है. यही कारण है कि शाम 6 बजे तक जारी आंकड़े और अंतिम आंकड़ों में अंतर दिखाई देता है. उन्होंने इसे एक स्वाभाविक प्रक्रिया बताया और इस पर संदेह न करने की अपील की.

विपक्ष के सवालों पर CEC का जवाब

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने ईवीएम की विश्वसनीयता और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर उठाए गए सवालों का खंडन किया. राजीव कुमार ने स्पष्ट किया कि ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) एक फुलप्रूफ डिवाइस है और इसमें किसी भी प्रकार के वायरस या छेड़छाड़ की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा, "ईवीएम में अवैध वोट की कोई संभावना नहीं है. यह एक पूरी तरह से पारदर्शी और सुरक्षित प्रणाली है.

सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने भी माना है कि ईवीएम हैक नहीं की जा सकती. चुनावों में पारदर्शिता बनाए रखना चुनाव आयोग की प्राथमिकता है. उन्होंने यह भी बताया कि चुनाव प्रक्रिया के तहत ईवीएम को मतदान से सात-आठ दिन पहले तैयार किया जाता है और मतदान के बाद सभी उम्मीदवारों की मौजूदगी में इसे सील कर दिया जाता है.

वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोपों पर जवाब

मुख्य चुनाव आयुक्त ने वोटर लिस्ट में हेरफेर के आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. "बीते चार सालों में देश के 21 राज्यों में चुनाव कराए गए हैं, जिनमें 15 राज्यों में अलग-अलग दलों की सरकारें बनीं. यह साबित करता है कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी है,' मुख्य चुनाव आयुक्त के इन बयानों ने ईवीएम और चुनाव प्रक्रिया पर लोगों के विश्वास को मजबूत करने का प्रयास किया है.

India News
अगला लेख