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Delhi Blast: 2023 से चल रही थी प्‍लानिंग, चंदा कर जुटाए 26 लाख रुपये; आतंकी डॉक्टरों की भयंकर साजिश की खुल रही कड़‍ियां

लाल किले के पास i20 कार में हुए 10/11 ब्लास्ट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, उसके पीछे छिपी दहला देने वाली आतंक साजिश बेनकाब होती जा रही है. NIA की पूछताछ में सामने आया है कि यह धमाका असल में एक 'panic डेटोनेशन' था, जबकि बड़ी प्लानिंग देश के कई शहरों में एक साथ सीरियल ब्लास्ट करने की थी.

Delhi Blast: 2023 से चल रही थी प्‍लानिंग, चंदा कर जुटाए 26 लाख रुपये; आतंकी डॉक्टरों की भयंकर साजिश की खुल रही कड़‍ियां
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( Image Source:  Social Media )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 22 Nov 2025 1:31 PM IST

दिल्ली में लाल किले के पास i20 कार में हुए 10/11 ब्लास्ट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, उसके पीछे छिपी दहला देने वाली आतंक साजिश बेनकाब होती जा रही है. NIA की पूछताछ में सामने आया है कि यह धमाका असल में एक 'panic डेटोनेशन' था, जबकि बड़ी प्लानिंग देश के कई शहरों में एक साथ सीरियल ब्लास्ट करने की थी.

इस साजिश का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है जैश-लिंक white-collar मॉड्यूल, जिसके सदस्य पिछले दो साल से बम बनाने, केमिकल इकट्ठा करने और भारी मात्रा में विस्फोटक जुटाने में लगे थे. मरने वाला ‘सुसाइड बॉम्बर’ उमर मोहम्मद तो मौके पर उड़ गया, लेकिन उसके करीबी डॉ. मुज़म्मिल शकील सहित बाकी संदिग्ध अब NIA के शिकंजे में हैं और पूछताछ में एक-एक राज खोल रहे हैं.

2 साल में तैयार हुई ब्लास्ट मशीनरी- डॉक्टर ने कबूला-2023 में बनी थी पूरी प्लानिंग

पूछताछ में डॉ. मुज़म्मिल शकील ने बड़ा खुलासा किया है कि धमाकों की प्लानिंग 2023 में ही तैयार हो चुकी थी. NIA सूत्रों के अनुसार, मुज़म्मिल ने स्वीकार किया- उसने बीते दो साल में बारूद, रिमोट, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, 26 क्विंटल NPK खाद, यूरिया व अमोनियम नाइट्रेट और डीप फ्रीजर जैसी चीजें खरीदकर स्टोर कीं, ताकि विस्फोटक को स्थिर माहौल में रखा जा सके. मुज़म्मिल का बयान पिछले दो साल से यही काम कर रहा था… सब कुछ तैयार था.'

उमर था विस्फोटक प्रोसेसर, आटा चक्की में होता था 'कॉलिटी ग्राइंडिंग'

संदिग्ध उमर मोहम्मद (जो धमाके में मारा गया) उर्वरकों को पीसकर उनका प्रसंस्करण करता था. NIA को वह आटा चक्की भी मिल गई है जिसमें उर्वरक पीसा जाता था. मुज़म्मिल- 'वह केमिकल तैयार करता था, मैं खरीदता था… प्लान बड़ा था.' 'Self-funded Terror'- 26 लाख की खुद की उगाही, AK-47 भी खरीदी. जांच में सामने आया कि यह पूरी साजिश विदेशी फंडिंग नहीं, बल्कि खुद आतंकियों द्वारा फंडेड थी.

उमर ने दिया - 2 लाख, मुज़म्मिल - 5 लाख, आदिल राठर - 8 लाख, मुफ़्फ़र राठर - 6 लाख, लखनऊ के शाईन सईद - 5 लाख. कुल 26 लाख जुटाकर विस्फोटक खरीदे गए. इतना ही नहीं, मुज़म्मिल ने 6.5 लाख में AK-47 खरीदना भी कबूल कर लिया है, जो आदिल के लॉकर से मिली है.

टर्की और TTP कनेक्शन-अफगान बॉर्डर घुसपैठ की तैयारी थी!

जांच में खुलासा हुआ कि मुज़म्मिल, आदिल और मुफ्फ़र, तीनों- TTP (Tehrik-e-Taliban Pakistan) से जुड़े ओकासा नामक व्यक्ति के निर्देश पर टर्की गए थे. योजना थी कि वहां से अफगानिस्तान में एंट्री करनी है, लेकिन आखिरी समय पर हैंडलर ने उन्हें रोक दिया. टेलिग्राम पर बम बनाने की क्लास- Umar ने इंटरनेट पर सीखा सब. सूत्रों के मुताबिक उमर ने बम बनाने की वीडियो विस्फोटक तैयार करने की PDF और ऑनलाइन साहित्य का सहारा लेकर पूरा सिस्टम सीखा था.

देशभर में होने वाले थे कई ब्लास्ट- दिल्ली बस ‘टेस्ट रन’ था

NIA को सीरियल ब्लास्ट की मजबूत संभावना दिख रही है. सूत्रों के अनुसार-'योजना कई शहरों में एक साथ धमाका करने की थी, दिल्ली वाला ब्लास्ट एक panic detonation था. अब NIA की रडार में आतंकियों का विदेशी नेटवर्क, अल-फलाह यूनिवर्सिटी और हैंडलरों के नाम तेजी से खंगाले जा रहे हैं.

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