दिल्ली फिर बनी गैस चैंबर, लागू हुआ GRAP-3, जानें किन-किन चीजों पर रहेगा बैन
दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचते ही प्रशासन ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-3) लागू कर दिया है. इसका उद्देश्य बढ़ते प्रदूषण पर तुरंत नियंत्रण पाना और लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को कम करना है.
दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर हवा ने दम घोंटने वाली शक्ल अख्तियार कर ली है. लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है. धुंध और स्मॉग की मोटी परत ने राजधानी को अपनी गिरफ्त में ले लिया है, जिससे सुबह और शाम के वक्त विजिबिलिटी घट गई है और लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों के लिए हालात खास तौर पर चिंताजनक बनते जा रहे हैं.
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बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रशासन ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-3) लागू कर दिया है. इसके तहत प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं, ताकि हवा की गुणवत्ता में और गिरावट को रोका जा सके. ऐसे में सवाल यह है कि GRAP-3 लागू होने के बाद दिल्ली में किन-किन चीजों पर बैन रहेगा और आम लोगों पर इसका क्या असर पड़ेगा.
GRAP-3 क्या है और क्यों जरूरी?
GRAP एक चरणबद्ध योजना है, जिसे वायु गुणवत्ता के स्तर के अनुसार लागू किया जाता है. GRAP-3 तब लागू होता है जब AQI गंभीर स्तर के करीब पहुंच जाता है. इस चरण में कड़े प्रतिबंध लगाए जाते हैं ताकि प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों पर तत्काल रोक लगाई जा सके.
निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर रोक
GRAP-3 लागू होते ही धूल फैलाने वाले कामों पर सबसे पहले रोक लगाई जाती है. इसमें इमारतों का निर्माण, तोड़फोड़ और सड़कों से जुड़े कई तरह के काम शामिल होते हैं. बड़े प्रोजेक्ट्स के दौरान उड़ने वाली धूल हवा को और ज्यादा खराब कर देती है, इसलिए ऐसे सभी काम कुछ समय के लिए बंद कर दिए जाते हैं. हालांकि, जो परियोजनाएं बेहद जरूरी होती हैं, उन्हें भी सख्त नियमों और सीमित शर्तों के साथ ही काम करने की अनुमति दी जाती है.
डीजल जनरेटर पर बैन
इस चरण में डीजल से चलने वाले जनरेटर पर कड़ी रोक लगा दी जाती है. केवल अस्पताल, इमरजेंसी सर्विस और जरूरी कामों के लिए ही इन्हें चलाने की मंजूरी होती है. साथ ही, जो फैक्ट्रियां और उद्योग ज्यादा धुआं और प्रदूषण फैलाते हैं, उनकी गतिविधियों को कम कर दिया जाता है या कुछ समय के लिए पूरी तरह बंद भी किया जा सकता है. इसका मकसद यह होता है कि हवा में फैलने वाला जहरीला धुआं तुरंत कम किया जा सके.
बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल पर रोक
गाड़ियों से फैलने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली और आसपास के एनसीआर इलाकों में BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल से चलने वाली चार पहिया गाड़ियों को सड़कों पर चलाने की रोक लगा दी जाती है. इसके अलावा, जो स्टोन क्रशर, खनन स्थल और हॉट-मिक्स प्लांट साफ ईंधन का इस्तेमाल नहीं करते हैं, उन्हें पूरी तरह बंद रखा जाएगा.
गाड़ियों और सड़कों से जुड़े उपाय
GRAP-3 लागू होने पर सड़कों पर गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए खास इंतजाम किए जाते हैं. धूल उड़ने से रोकने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाता है और मशीनों से नियमित सफाई कराई जाती है. साथ ही ट्रैफिक नियमों को सजीव तरीके से लागू किया जाता है ताकि जाम न लगे. लोगों से अपील की जाती है कि वे निजी गाड़ियों का कम इस्तेमाल करें और बस, मेट्रो जैसे सार्वजनिक परिवहन का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें.





