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'उपराज्यपाल ने दिया हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने का आदेश', Atishi के आरोप पर LG का पलटवार

आतिशी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने के आदेश देने का आरोप लगाया है. आतिशी ने कहा कि ध्वस्त किये जाने वाले धार्मिक ढांचों की लिस्ट में कई मंदिर और बौद्ध पूजा स्थल भी शामिल हैं.

उपराज्यपाल ने दिया हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने का आदेश, Atishi के आरोप पर LG का पलटवार
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हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 1 Jan 2025 11:00 AM IST

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर आरोप लगाया है. अपने आरोप में उन्होंने कहा कि वीके सक्सेना के कहने पर एक पैनल ने कई हिंदू और बौद्ध धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने का आदेश जारी किया था. हालांकि राज्यपाल के ऑफिस ने इस आरोप को सस्ती राजनीति बताकर खारिज कर दिया है.

उपराज्यपाल सचिवालय ने अपने एक बयान में कहा कि 'न तो कोई मंदिर, मस्जिद, चर्च या कोई अन्य पूजा स्थल ध्वस्त किया जा रहा है. साथ ही, इस संबंध में कोई फाइल उनके पास नहीं पहुंची है. वीके सक्सेना को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि 22 नवंबर को हुई बैठक में धार्मिक समिति ने राष्ट्रीय राजधानी में धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने का आदेश दिया है.जहां मुख्यमंत्री ने दावा किया कि धार्मिक समिति ने आपके निर्देश पर और आपकी मंजूरी से दिल्ली भर में कई धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने का फैसला किया है.

मुख्यमंत्री न करें सस्ती राजनीति

अब इस मामले में उपराज्यपाल सचिवालय ने अपने जवाब में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री खुद और अरविंद केजरीवाल की विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए सस्ती राजनीति कर रही हैं. इसके आगे उन्होंने कहा कि "राज्यपाल ने पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे राजनीतिक लाभ के लिए जानबूझकर तोड़फोड़ करने वाली ताकतों के खिलाफ ज्यादा सतर्कता बरतें. साथ ही, उनके निर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है. जैसा कि हाल ही में क्रिसमस सेलिब्रेशन के दौरान देखा गया था, जिसमें कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.''

इन इलाकों के लिए दिए गए निर्देश

वहीं,अपने पत्र में आतिशी ने कहा कि ध्वस्त किए जाने वाले धार्मिक ढांचों की सूची में कई मंदिर और बौद्ध पूजा स्थल शामिल हैं. मुख्यमंत्री द्वारा दी गई लिस्ट के अनुसार धार्मिक ढांचों का निर्माण पश्चिम पटेल नगर, दिलशाद गार्डन, सुंदर नगरी, सीमा पुरी, गोकल पुरी और उस्मानपुर में किया गया था. आतिशी ने अपने पत्र में वीके सक्सेना से धार्मिक ढांचों को तोड़ने से रोकने का अनुरोध किया और कहा कि इससे संबंधित समुदायों की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी.

सार्वजनिक व्यवस्था से जुड़ा है मामला

इससे पहले धार्मिक समिति के सभी फैसले मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के माध्यम से राज्यपाल कार्यालय को भेजे जाते थे. उन्होंने कहा कि सरकार तब यह सुनिश्चित करेगी कि इस तरह की कार्रवाई से किसी की धार्मिक भावना को ठेस न पहुंचे. इसके आगे आतिशि ने कहा कि पिछले साल उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा एक आदेश जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि धार्मिक संरचनाओं को गिराना सार्वजनिक व्यवस्था से जुड़ा मामला है और यह सीधे वीके सक्सेना के अधिकार क्षेत्र में होगा.

उपराज्यपाल को भेजी जाती हैं फाइलें

इस पत्र में आतिशि ने लिखा कि "तब से धार्मिक समिति के काम की सीधे निगरानी आप कर रहे हैं. धार्मिक समिति की सभी फाइलें होम डिपार्टमेंट से उपराज्यपाल ऑफिस भेजी जाती हैं, जिसमें मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया जाता है.अपने पत्र में आतिशी ने कहा कि ध्वस्त किये जाने वाले धार्मिक ढांचों की सूची में कई मंदिर और बौद्ध पूजा स्थल शामिल हैं."

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