सुनवाई के दौरान सिगरेट पी रहा था शख्स, जज साहब हो गए नाराज, फिर जो हुआ...
Delhi News: दिल्ली की तीसरी हजारी कोर्ट के जस्टिस शिव कुमार ने एक मामले की सुनवाई कर रहे थे. इस दौरान मामले से जुड़ा शख्स सुनवाई के बीच में ही सिगरेट पीने लगा, जिससे पास जस्टिस नाराज हो गए और उसे व्यक्तिगत रूप से पेश होने का समन भेज दिया. सुनील कुमार को अन्य मामले की सुनवाई के दौरान फोन पर बात करते हुए देखा गया था.

Delhi News: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. सुनवाई के दौरान मामले में पेश हुआ शख्स जज साहब के सामने सिगरेट पीने लगा. यह कार्रवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही थी. व्यक्ति की इस हरकत से जस्टिस नाराज हो गए और उसे समन भेज दिया गया.
जानकारी के अनुसार, सुनवाई के बीच शख्स के इस रवैये को लेकर कोर्ट ने उसे व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है. दूसरे मामले में शख्स सिर्फ बनियान में ही उपस्थित हो गया था. इस मामले की सुनवाई अतिरिक्त जिला जस्टिस शिव कुमार सुनवाई कर रहे थे.
क्या है मामला?
तीस हजारी कोर्ट के जस्टिस शिव कुमार जब सुनील कुमार से सिगरेट वाली हरकत के बारे में पूछा तो उसने जवाब नहीं दिया. वह सुनवाई छोड़कर चले गए. इसके बाद कोर्ट से नई तारीख मिलने के बाद सुनील के वकील बाहर निकल आए. अब अदालत ने 29 मार्च को व्यक्तिगत रूप से उन्हें पेश होने का आदेश दिया है.
अदालत ने सुनील से पूछा कि कोर्ट की कार्यवाही के बीच वीसी पर सिगरेट पीने के लिए आपके खिलाफ एक्शन क्यों न लिया जाए? सिगरेट पीते हुए वीडियो का स्क्रीनशॉर्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वह इससे पहले भी इस तरह की हरकत कर चुके हैं.
पहले भी की गलती
सुनील कुमार को अन्य मामले की सुनवाई के दौरान फोन पर बात करते हुए देखा गया था. तब कुमार को ऐसा न करने की चेतावनी दी गई थी. कोर्ट ने कहा, इस तरह की हरकत से अदालत की कार्यवाही पर असर पड़ता है. बाद में उन्होंने कोर्ट से माफी मांगी और दोबारा गलती न करने का वादा किया.
पढ़ी-लिखी महिलाएं न मांगे गुजाता भत्ता
एक मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा, कानून बेकार और खाली बैठने वालों को बढ़ावा नहीं देता है. जो महिलाएं पढ़ी-लिखी हैं कमाने योग्य हैं, उन्हें अपने अलग हुए पति से भरण-पोषण की मांग नहीं करनी चाहिए. यह कहते हुए एक महिला की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने पति से गुजारा भत्ता की मांग की थी. कोर्ट ने कहा, महिला कमाने और अपनी शिक्षा का लाभ उठाने की क्षमता देख सकती है इसलिए ऐसी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने पर जोर दिया.