तलाशी के नाम पर छेड़छाड़! एक्शन में सीएम हिमंत बिस्वा सरमा, महिला उम्मीदवारों के लिए किया ये एलान
ADRE 2024: मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि उन्होंने असम के डीजीपी को नलबाड़ी घटना की जांच करने का निर्देश दिया है, जहां एक महिला अभ्यर्थी ने आरोप लगाया है कि उसकी अनुचित तरीके से तलाशी ली गई.

ADRE 2024: असम के नलबाड़ी में राज्य स्तरीय भर्ती आयोग (SLRC) ने 15 सितंबर को ग्रेड 3, HSSLC स्तर के पदों के लिए असम सीधी भर्ती परीक्षा (ADRE) आयोजित की गई थी. जहां से एक महिला ने जांच के दौरान दुर्वव्यवहार के आरोप लगाए थे. उनका कहना था कि परीक्षा से पहले उनकी अनुचित तरीके से तलाशी ली गई थी. इस घटना को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कहा कि सरकार महिला अभ्यर्थियों की तलाशी के लिए उचित मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) लेकर आएगी.
सीएम हिमंत ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, 'नलबाड़ी घटना को लेकर मैंने असम के डीजीपी से बात की और उन्हें उस घटना की जांच करने का निर्देश दिया जहां एक छात्रा ने आरोप लगाया है कि एक महिला कांस्टेबल ने परीक्षा हॉल में प्रवेश करने से पहले उसके निजी अंगों की तलाशी ली. मेरे लिए हमारी माताओं और बहनों की गरिमा और सम्मान सबसे महत्वपूर्ण है और इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. डीजीपी ने मुझे उत्तरी लखीमपुर में एक और घटना के बारे में भी बताया, जहां उसी दिन एक छात्रा के अंतःवस्त्र से नकल सामग्री बरामद की गई थी.'
सीएम हिमंत ने असम सीधी भर्ती परीक्षा के लिए अपने दो महत्वपूर्ण कार्य का जिक्र किया-
- ADRE परीक्षा को उच्चतम स्तर की ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ आयोजित करना. हम अपनी पूरी युवा पीढ़ी के प्रति इसके लिए ऋणी हैं और इससे किसी भी परिस्थिति में समझौता नहीं किया जा सकता है.
- हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी महिला उम्मीदवारों की शालीनता और गरिमा हर समय बरकरार रहे. इसलिए महिलाओं से जुड़ी तलाशी के संचालन के संबंध में माननीय न्यायालयों के प्रासंगिक निर्णयों और महिला आयोग के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए एक उचित एसओपी विकसित किया जाएगा और इसे अगले दौर की परीक्षाओं से पहले लागू कर दिया जाएगा.
अभ्यार्थी ने सुनाई आपबीती
नलबाड़ी की असम सीधी भर्ती परीक्षा (ADRE) की उम्मीदवार ने रविवार शाम फेसबुक पर एक वीडियो के जरिए अपना शर्मनाक अनुभव शेयर किया था. इसमें पीड़िता ने कहा था, 'उन्होंने मेरे शरीर के निचले हिस्से में हाथ डाला और मेरे निजी अंगों को भी छुआ. मुझे नहीं पता था कि यह प्रक्रिया क्या है लेकिन मुझे शर्मिंदगी और शर्म महसूस हुई. अगर मुझे पता होता कि मेरे साथ ऐसा होगा तो मैं कभी भी जांच के लिए नहीं जाती.'
अभ्यर्थी ने आगे कहा, 'कई अन्य लड़कियों को भी इसका सामना करना पड़ा. कुछ ने मेखला पहन रखी थी. कुछ ने लेगिंग पहन रखी थी. उन्हें कपड़े उतारने के लिए बाध्य किया गया और यह सब खुले स्थान पर हो रहा था. उम्मीदवार ने कहा कि वह पहले भी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा दे चुकी हैं, लेकिन उन्हें कभी इस तरह की जांच का सामना नहीं करना पड़ा. उन्होंने कहा, 'मैं उनकी चिंता समझती हूं, लेकिन मेरे हिसाब से यह उचित नहीं था. मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करती हूं कि वे इसकी पुष्टि करें क्योंकि इस परीक्षा के दो और चरण आने वाले हफ्तों में होने हैं.'