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बांग्लादेशी भी इंसान हैं? सैयदा हमीद ने असम में बेदखली अभियान को बताया अनुचित, विवाद के बाद छिड़ी राजनीतिक जंग

Assam News: समाजसेवी सैयदा सैय्यदैन हमीद ने असम बेदखली अभियान के दौरान अल्पसंख्यक समुदायों के साथ अत्यंत अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है. अगर कोई इंसान कहीं रह रहा है, तो उसे इतनी बेरहमी से क्यों निकाला जाए?

बांग्लादेशी भी इंसान हैं? सैयदा हमीद ने असम में बेदखली अभियान को बताया अनुचित, विवाद के बाद छिड़ी राजनीतिक जंग
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( Image Source:  @BJP4Assam )

Assam News: असम की हिमंत बिस्वा सरकार अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रहा है. एक-एक व्यक्ति की पहचान की जा रही है. अगर कोई बांग्लादेशी नागरिक पाया जाता है तो उसे तुरंत बॉर्डर पार भेज दिया जाता है. हाल ही में पूर्व योजना आयोग सदस्य और समाजसेवी सैयदा सैय्यदैन हमीद ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसकी वजह से राजनीतिक विवाद छिड़ गया है.

हाल ही में सैयदा सैय्यदैन हमीद ने कहा कि असम में बांग्लादेशियों के भारत में रहने के सही अधिकार का समर्थन किया, जिसके बाद राजनीतिक विवाद भड़क उठा. भाजपा ने इसे कांग्रेस की उस नीति का समर्थन बताया, जिसमें वह कथित घुसपैठ और अवैध प्रवासी के कब्जे को उचित ठहराती है.

हमीद ने बांग्लादेशियों पर बयान

हमीद ने सवाल उठाया कि बांग्लादेशी होना क्या गलत है? वे भी इंसान हैं. धरती बड़ी है, बांग्लादेशी भी यहां रह सकते हैं. वे किसी का अधिकार नहीं छीने हैं, लेकिन सरकार कह रही है कि वे दूसरों का अधिकार छीन रहे हैं. हमीद ने कहा, यह बेहद गलत और मनुष्यता के लिए हानिकारक है. वे भी इंसान हैं, अल्लाह ने यह धरती लोगों के लिए बनाई है, शैतान के लिए नहीं. अगर कोई इंसान कहीं रह रहा है, तो उसे इतनी बेरहमी से क्यों निकाला जाए? आरोप लगाते हुए कहा कि हमीद न बेदखली अभियान के दौरान अल्पसंख्यक समुदायों के साथ अत्यंत अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है.

इस बयान पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने तीखी प्रतिक्रिया दी. एक्स पोस्ट में उन्होंने कांग्रेस पर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, दिल्ली स्थित यह दल हर्ष मंदर, वजाहत हबीबुल्लाह, फयाज शाहीन, प्रशांत भूषण, जवाहर सरकार असम आया है. सिर्फ कानूनी बेदखली को मानवीय संकट है. यह अवैध कब्जेदारों के खिलाफ हमारी लड़ाई को कमजोर करने का प्रयास है. हम सतर्क हैं कोई प्रचार या दबाव हमारे भूमि और संस्कृति की रक्षा को नहीं रोक सकता.

हमीद के बयान की निंदा

असाम गण परिषद (AGP) ने भी हमीदके बयान की निंदा की. AGP के महासचिव टोलन कोन्वार ने कहा कि क्योंकि हामिद असम में जन्मी नहीं हैं, उन्हें राज्य की वास्तविक स्थिति समझ में नहीं आती. उनके लिए असम का सम्मान वही नहीं जो असमवासियों के लिए है. इसलिए यह स्पष्ट है कि वह असम में बांग्लादेशी मुद्दे को समझ नहीं सकतीं. उन्हें प्रसिद्ध असम आंदोलन की जानकारी भी नहीं है. कैसे वह कह सकती हैं कि असम बांग्लादेशियों के बिना अस्तित्व नहीं रख सकता?

किरण रिजिजू का पोस्ट

किरण रिजिजू ने एक्स पोस्ट पर लिखा, मानवता के नाम पर गुमराह किया जा रहा है. यह हमारी जमीन और पहचान का सवाल है. बांग्लादेश और पाकिस्तान में अल्पसंख्यक बौद्धों, ईसाइयों, हिंदुओं और सिखों पर अत्याचार और अत्याचार क्यों हो रहे हैं? सईदा हमीद भले ही सोनिया गांधी और राहुल गांधी की सबसे करीबी हों लेकिन उन्हें अवैध प्रवासियों का समर्थन नहीं करना चाहिए.

असम न्‍यूज
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